जहरीली शराब से मौतों में बीमा क्लेम में फंसेगा पेच
सहारनपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में परिजनों को बीमा क्लेम लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बीमा कंपनी दावा निरस्त कर सकती है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 12:23 PM (IST)
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। जहरीली शराब पीकर जान गंवाने वालों के परिजनों को मिलने वाली बीमा की रकम भी नियम और कायदों के पेंच में उलझ सकती है। मृतकों के परिजनों का भारतीय जीवन बीमा से एक्सीडेंटल बीमा की रकम का दावा निरस्त हो सकता है। अगर बीमा निजी कंपनियों से कराया गया होगा तो परिजनों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। गौरतलब है कि एक्सीडेंटल बीमा के तहत मिलने वाली राशि सामान्य रूप से होने वाली मौत में मिलने वाली राशि की दोगुनी होती है।
खड़ा हो सकता है संकट
सहारनपुर में 88 लोग जहरीली शराब पीकर जान गंवा चुके हैं। पीड़ित परिवारों के सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। मरने वालों में अधिकांश निम्न मध्यम तबके हैं। सबसे दीगर बात यह है कि सामान्य मौत की तुलना में ऐसी मौत का दंश पीड़ित परिवारों को ज्यादा झेलना पड़ेगा। कच्ची शराब पीने की लत के चलते मौत का शिकार लोगों के परिजनों को बीमा रकम भी उतनी नहीं मिलेगी, जितनी किसी अन्य हादसे में होने वाली मौत होने पर मिलती।
शराब पीने वालों के लिए अलग प्रीमियम
जब कोई व्यक्ति बीमा कराता है तो प्रपोजल फार्म के पेज नंबर दो पर खान-पान की आदतों का ब्यौरा दर्ज होता है। आप शराब पीते हैं और कितनी मात्र में पीते हैं, इसका उल्लेख करना होता है। अगर शराब पीना आदत में शुमार है तो एलआइसी विशेषज्ञों के पैनल से चेकअप कराती है। यह पैनल शरीर की जांच के बाद अतिरिक्त प्रीमियम लिए जाने की संस्तुति करता है। यह सामान्य प्रीमियम से एक से पांच प्रतिशत अधिक हो सकता है। एलआइसी के वरिष्ठ अभिकर्ता डॉक्टर जयवीर सिंह ने बताया कि कई बार लोग शराब पीने की सूचना छिपा लेते हैं। अगर चिकित्सक की रिपोर्ट में उसके शराब पीने की लत होने की पुष्टि होती है तो एक्सीडेंटल बीमा की राशि में दिक्कत आती है। जहरीले शराब के सेवन में तो यह क्लेम बनता ही नहीं है।
जनधन योजना में मिलेंगे 30 हजार
16 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 तक जनधन योजना के तहत सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बैंक खाते खुलवाए थे। खाताधारक की मौत होने पर तीस हजार रुपये की रकम परिजनों को मिलने का प्रावधान है। जहरीली शराब के सेवन के मामले में अगर जनधन के तहत एकाउंट खुला होगा तो परिजनों को लाभ मिलेगा। गरीब तबकों के लिए प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 12 रुपये हर साल जनधन खाते में जमाकर दो लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा का प्रावधान है। जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में यह धनरशि नहीं मिलेगी।
दाम ज्यादा वसूलेंगे और बिल की बात मत करना
सहारनपुर में हुई घटना के बाद शराब का शौक रखने वाले सहमे हुए हैं। आरोप है कि देशी के पव्वे पर प्रति बोतल पांच एवं अंग्रेजी शराब पर पांच रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। अगर शराब की बोतल में कोई जहरीला पदार्थ दुर्घटनावश मिल जाता है तो उसका दावा करने के लिए खरीदार पर कोई प्रमाण नहीं होगा, क्योंकि दुकानदार किसी प्रकार बिल नहीं देते हैं। रविवार को कई दुकानों के बाहर बोतल खरीदकर आ रहे लोगों ने बताया कि अधिकांश दुकानदार बिल नहीं देते हैं। जबकि उपभोक्ता के अधिकारों में दुकानदार को बिल देना अनिवार्य है। इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार का कहना है कि जहां पर निर्धारित से अधिक रेट पर बोतल एवं पव्वे की बिक्री की जा रही है। ऐसी दुकानों पर भी छापामार कार्रवाई कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिल देने का कोई प्रावधान नहीं है।
इनका कहना है
जहरीली शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनका एक्सीडेंटल क्लेम तभी मिलेगा जब यह सिद्ध हो कि उसने दोस्त या संबंधी के साथ धोखे में इसका सेवन कर लिया हो। चिकित्सक की रिपोर्ट और पुलिस की जांच की इसमें महत्वपूर्ण होती है।
-संजीव शर्मा, पर्यावेक्षक, एलआइसी जोनल सचिव, नार्थ सेंट्रल इंश्योरेंस एम्पलाइ फेडरेशन
जनधन योजना के तहत मृतकों के परिजन बैंक से सीधे तीस हजार प्राप्त कर सकेंगे। प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा का लाभ इस मामले में नहीं मिलेगा। 330 रुपये सालाना प्रीमियम वाली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में किसी भी प्रकार की मौत होने पर दो लाख रुपये का प्रावधान है।
-हरीश वाधवा, मुख्य प्रबंधक, परतापुर शाखा एसबीआइ।
खड़ा हो सकता है संकट
सहारनपुर में 88 लोग जहरीली शराब पीकर जान गंवा चुके हैं। पीड़ित परिवारों के सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। मरने वालों में अधिकांश निम्न मध्यम तबके हैं। सबसे दीगर बात यह है कि सामान्य मौत की तुलना में ऐसी मौत का दंश पीड़ित परिवारों को ज्यादा झेलना पड़ेगा। कच्ची शराब पीने की लत के चलते मौत का शिकार लोगों के परिजनों को बीमा रकम भी उतनी नहीं मिलेगी, जितनी किसी अन्य हादसे में होने वाली मौत होने पर मिलती।
शराब पीने वालों के लिए अलग प्रीमियम
जब कोई व्यक्ति बीमा कराता है तो प्रपोजल फार्म के पेज नंबर दो पर खान-पान की आदतों का ब्यौरा दर्ज होता है। आप शराब पीते हैं और कितनी मात्र में पीते हैं, इसका उल्लेख करना होता है। अगर शराब पीना आदत में शुमार है तो एलआइसी विशेषज्ञों के पैनल से चेकअप कराती है। यह पैनल शरीर की जांच के बाद अतिरिक्त प्रीमियम लिए जाने की संस्तुति करता है। यह सामान्य प्रीमियम से एक से पांच प्रतिशत अधिक हो सकता है। एलआइसी के वरिष्ठ अभिकर्ता डॉक्टर जयवीर सिंह ने बताया कि कई बार लोग शराब पीने की सूचना छिपा लेते हैं। अगर चिकित्सक की रिपोर्ट में उसके शराब पीने की लत होने की पुष्टि होती है तो एक्सीडेंटल बीमा की राशि में दिक्कत आती है। जहरीले शराब के सेवन में तो यह क्लेम बनता ही नहीं है।
जनधन योजना में मिलेंगे 30 हजार
16 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 तक जनधन योजना के तहत सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बैंक खाते खुलवाए थे। खाताधारक की मौत होने पर तीस हजार रुपये की रकम परिजनों को मिलने का प्रावधान है। जहरीली शराब के सेवन के मामले में अगर जनधन के तहत एकाउंट खुला होगा तो परिजनों को लाभ मिलेगा। गरीब तबकों के लिए प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 12 रुपये हर साल जनधन खाते में जमाकर दो लाख रुपये का एक्सीडेंटल बीमा का प्रावधान है। जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में यह धनरशि नहीं मिलेगी।
दाम ज्यादा वसूलेंगे और बिल की बात मत करना
सहारनपुर में हुई घटना के बाद शराब का शौक रखने वाले सहमे हुए हैं। आरोप है कि देशी के पव्वे पर प्रति बोतल पांच एवं अंग्रेजी शराब पर पांच रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। अगर शराब की बोतल में कोई जहरीला पदार्थ दुर्घटनावश मिल जाता है तो उसका दावा करने के लिए खरीदार पर कोई प्रमाण नहीं होगा, क्योंकि दुकानदार किसी प्रकार बिल नहीं देते हैं। रविवार को कई दुकानों के बाहर बोतल खरीदकर आ रहे लोगों ने बताया कि अधिकांश दुकानदार बिल नहीं देते हैं। जबकि उपभोक्ता के अधिकारों में दुकानदार को बिल देना अनिवार्य है। इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार का कहना है कि जहां पर निर्धारित से अधिक रेट पर बोतल एवं पव्वे की बिक्री की जा रही है। ऐसी दुकानों पर भी छापामार कार्रवाई कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिल देने का कोई प्रावधान नहीं है।
इनका कहना है
जहरीली शराब पीने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनका एक्सीडेंटल क्लेम तभी मिलेगा जब यह सिद्ध हो कि उसने दोस्त या संबंधी के साथ धोखे में इसका सेवन कर लिया हो। चिकित्सक की रिपोर्ट और पुलिस की जांच की इसमें महत्वपूर्ण होती है।
-संजीव शर्मा, पर्यावेक्षक, एलआइसी जोनल सचिव, नार्थ सेंट्रल इंश्योरेंस एम्पलाइ फेडरेशन
जनधन योजना के तहत मृतकों के परिजन बैंक से सीधे तीस हजार प्राप्त कर सकेंगे। प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा का लाभ इस मामले में नहीं मिलेगा। 330 रुपये सालाना प्रीमियम वाली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में किसी भी प्रकार की मौत होने पर दो लाख रुपये का प्रावधान है।
-हरीश वाधवा, मुख्य प्रबंधक, परतापुर शाखा एसबीआइ।
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