अवैध मंडपों पर कार्रवाई की तलवार,एमडीए के वीसी हाईकोर्ट में तलब Meerut News
हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से मेरठ में चल रहे अवैध विवाह मंडपों की सूची तलब की है। वीसी को हाईकोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 02:48 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। अवैध मंडपों पर कार्रवाई की तलवार फिर से लटक गई है। एक जनहित याचिका की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से सूची तलब की है। सूची न भेजने पर वीसी को व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा। एमडीए अवैध मंडपों की सूची बनाने में जुट गया है।
जाम का बड़ा कारण अवैध मंडप
शादियों के मौके पर विवाह मंडप जाम का कारण बनते हैं। अधिकांश मंडपों में पार्किंग नहीं है, जिसकी वजह से वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। अधिकांश के मानचित्र भी स्वीकृत नहीं हैं। अवैध मंडपों को सील करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में शहर निवासी सचिन सैनी ने जनहित याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने बिल्डिंग बॉयलाज भी मांगा
31 मई की सुनवाई में कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीसी एमडीए शहर के मंडपों की पूरी जानकारी वाली सूची कोर्ट को 12 जुलाई को उपलब्ध कराएं। साथ ही बिल्डिंग बॉयलाज भी मांगा है। ऐसे में एमडीए कोर्ट को गुमराह नहीं कर सकेगा। मंडपों की वास्तविक स्थिति से कोर्ट को अवगत कराना होगा। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित तारीख पर दस्तावेज उपलब्ध न कराए गए तो वीसी को व्यक्तिगत रूप से तलब करेगी। गौरतलब है कि पिछले साल अवैध मंडपों पर कार्रवाई के लिए एमडीए ने प्रयास किया था, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद कार्रवाई फाइलों में कैद होकर रह गई थी। प्रकरण नई शमन नीति में उलझा दिया गया था।
कहां कितने विवाह मंडप
प्राधिकरण क्षेत्र 248
विकास परिषद क्षेत्र 64
कैंट क्षेत्र 38
इनका कहना है
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार विवाह मंडपों की सूची भिजवा दी जाएगी। कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी।
- राजेश पांडेय,उपाध्यक्ष,मेरठ विकास प्राधिकरण
जाम का बड़ा कारण अवैध मंडप
शादियों के मौके पर विवाह मंडप जाम का कारण बनते हैं। अधिकांश मंडपों में पार्किंग नहीं है, जिसकी वजह से वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। अधिकांश के मानचित्र भी स्वीकृत नहीं हैं। अवैध मंडपों को सील करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में शहर निवासी सचिन सैनी ने जनहित याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने बिल्डिंग बॉयलाज भी मांगा
31 मई की सुनवाई में कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीसी एमडीए शहर के मंडपों की पूरी जानकारी वाली सूची कोर्ट को 12 जुलाई को उपलब्ध कराएं। साथ ही बिल्डिंग बॉयलाज भी मांगा है। ऐसे में एमडीए कोर्ट को गुमराह नहीं कर सकेगा। मंडपों की वास्तविक स्थिति से कोर्ट को अवगत कराना होगा। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित तारीख पर दस्तावेज उपलब्ध न कराए गए तो वीसी को व्यक्तिगत रूप से तलब करेगी। गौरतलब है कि पिछले साल अवैध मंडपों पर कार्रवाई के लिए एमडीए ने प्रयास किया था, लेकिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद कार्रवाई फाइलों में कैद होकर रह गई थी। प्रकरण नई शमन नीति में उलझा दिया गया था।
कहां कितने विवाह मंडप
प्राधिकरण क्षेत्र 248
विकास परिषद क्षेत्र 64
कैंट क्षेत्र 38
इनका कहना है
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार विवाह मंडपों की सूची भिजवा दी जाएगी। कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी।
- राजेश पांडेय,उपाध्यक्ष,मेरठ विकास प्राधिकरण
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