अब दिल्ली-मेरठ रैपिड रूट को पछाड़ न दे दिल्ली-अलवर रूट
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की तरफ से रफ्तार से कार्य किया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण से लेकर मिट्टी की जांच का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। इससे पहले दिल्ली-अलवर रूट पर रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए अब हरियाणा सरकार ने भी कार्य तेज शुरू करने के आदेश एनसीआरटीसी को दिए हैं। हरियाणा सरकार चाहती है कि दिल्ली-मेरठ रूट के साथ ही दिल्ली-अलवर रूट पर कार्य शुरू किया जाए। इससे दिल्ली-मेरठ रूट पर कार्य की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
मेरठ। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की तरफ से रफ्तार से कार्य किया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण से लेकर मिट्टी की जांच का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। इससे पहले दिल्ली-अलवर रूट पर रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए अब हरियाणा सरकार ने भी कार्य तेज शुरू करने के आदेश एनसीआरटीसी को दिए हैं। हरियाणा सरकार चाहती है कि दिल्ली-मेरठ रूट के साथ ही दिल्ली-अलवर रूट पर कार्य शुरू किया जाए। इससे दिल्ली-मेरठ रूट पर कार्य की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
एनसीआरटीसी की तरफ से रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के पहले फेज में तीन कॉरीडोर पर निर्माण कार्य शुरू होना है। इसमें सबसे पहले दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर कॉरीडोर तय है। पहले कॉरीडोर में दिल्ली-मेरठ का सफर इन दोनों कॉरीडोर से सबसे कम है। दिल्ली-मेरठ का सफर 82 किमी, दिल्ली-अलवर 164 किमी, दिल्ली-पानीपत 103किमी में प्रस्तावित है।
प्रोजेक्ट से विधानसभा चुनाव पर नजरें
दिल्ली-अलवर रूट को प्राथमिकता पर लाने के लिए सरकार विधानसभा चुनावों में इसका फायदा लेना चाहती है। हरियाणा और राजस्थान को जोड़ने वाला यह रैपिड रूट इसलिए अहम है कि यहां 2018 से 2019 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं। राजस्थान में 2018 के अंतिम महीनों में चुनाव है तो वहीं हरियाणा में 2019 में चुनाव होने हैं। इससे पहले दोनों सरकार इस प्रोजेक्ट को शुरू कराने के लिए एनसीआरटीसी पर दबाव बना रही हैं। जिससे लोगों को इस प्रोजेक्ट के जरिए साधा जा सके।
दिल्ली-मेरठ रूट की डीपीआर पीआइबी के पास
हालांकि दिल्ली-मेरठ रूट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को तैयार करने के बाद पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड को भेज दिया गया है। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद कैबिनेट को डीपीआर भेजी जाएगी। एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में 16.5 किलोमीटर के साहिबाबाद से दुहाई तक के निर्माण कार्य में दिए जाने वाले ठेकों को होल्ड कर दिया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। जिसके चलते यह फैसला लिया गया है। इस रूट पर कुल मिलाकर 34 हजार 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। वहीं एनसीआरटीसी का दावा है कि अक्टूबर में इस रूट के पहले चरण पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट एक नजर में
दिल्ली-मेरठ रैपिड रूट
कुल किलोमीटर - 82
प्रस्तावित समय - 55 मिनट
कुल स्टेशन - 24 (दो डिपो) दिल्ली-अलवर रैपिड रूट कुल किलोमीटर - 164
प्रस्तावित समय - 85 मिनट
कुल स्टेशन - 22 इन्होंने कहा -
हरियाणा सरकार चाहती है कि इस वित्तीय वर्ष में प्रोजेक्ट शुरू हो जाए लेकिन अभी इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जा रही है। अक्टूबर तक डीपीआर तैयार करने के बाद सबमिट करेंगे। वो चाहते हैं कि दिल्ली-मेरठ रूट पर कार्य शुरू होने के साथ-साथ दिल्ली-अलवर रूट पर भी कार्य शुरू हो।
सुधीर कुमार शर्मा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, एनसीआरटीसी।