Hariom Anand Case: हरिओम आनंद का ऑडियो भी बनाया विवेचना का हिस्सा, मानसिक रोग विशेषज्ञ की राय ली जाएगी Meerut News
Hariom Anand Case पुलिस ने हरिओम की बेटी मानसी की तरफ से बयानों में संलग्न कर दी गई ऑडियो को भी विवेचना का हिस्सा बनाया है।
मेरठ, जेएनएन। Hariom Anand Case आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण में विवेचना पर दोनों पक्षों का फोकस बना हुआ है। पुलिस ने हरिओम की बेटी मानसी की तरफ से बयानों में संलग्न कर दी गई ऑडियो को भी विवेचना का हिस्सा बनाया है। ऑडियो 2019 की हैं, जिसमें हरिओम आनंद के घर पर शेयर होल्डरों की मीटिंग हो रही है, उसमें हरिओम आनंद सबकुछ ठीक करने के लिए शेयर होल्डरों से समय मांग रहे है। विवेचक का कहना है कि इस ऑडियो पर मानसिक रोक विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। पता किया जाएगा कि मीटिंग का प्रभाव एक साल बाद भी किसी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर सकता है।
पोस्टमार्टम में आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं
हरिओम आनंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी पढ़ा गया हैं, जिसमें लिखा है कि बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही आत्महत्या की वजह स्पष्ट कर पाएंगे। ऐसे में पुलिस की विवेचना बिसरा रिपोर्ट पर भी टिक सकती है। इसलिए फोरेंसिक लैब निवाड़ी से बिसरा रिपोर्ट जल्दी कराने की तैयारी के लिए शीर्ष अफसरों से रायशुमारी हो रही है। ताकि उनकी तरफ से लैब को पत्र लिखा जाए, जिससे इस बिसरा रिपोर्ट की जांच समय से हो सकें।
मोबाइल में छिपे हो सकते है राज
हरिओम आनंद के मोबाइल को पुलिस कब्जे में लेकर आखिर कौन सा कार्ड खेलना चाह रही है। हरिओम आनंद की मौत के बाद अस्पताल से ही मोबाइल एसओ मेडिकल कुलवीर सिंह ने कब्जे में ले लिया था। उसके बाद जांच अधिकारी एसपी सिटी के पास गया। वहां से अब मोबाइल विवेचना अधिकारी के पास आ गया है। सवाल है कि एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी मोबाइल में छिपे रहस्य को पुलिस क्यों नहीं ढूंढ पाई।
इनका कहना है
हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण बड़ा ही संवेदनशील हैं, ऐसे में हर तथ्यों की जांच परख की जा रही है। ताकि कोई भी विवेचना पर अंगुली न उठा सकें। ऐसे में एसआइटी प्रभारी हर रोज विवेचकों से कार्रवाई का ब्योरा लेते है। उसके बाद ही केस डायरी में पर्चे काटे जा रहे है।
- अजय साहनी, एसएसपी