Happy Engineers Day 2020: आर्टिर्फिशियल इंटेलीजेंस बदल देगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, बढ़ेगे रोजगार के अवसर
इंजीनियरिंग में परंपरागत कोर्स के साथ नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस शुरू होने से भावी इंजीनियरों के लिए रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।
मेरठ, जेएनएन। इंजीनियरिंग में परंपरागत कोर्स के साथ नए कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं। खासकर इस साल से इंजीनियरिंग कॉलेजों में आर्टिर्फिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) जैसे पाठ्यक्रम में भी छात्रों को प्रवेश हो रहा है। इंजीनियरिंग में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस शुरू होने से भावी इंजीनियरों के लिए रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई का क्रेज कम नहीं हुआ है। अभी भी 12वीं पास करने के बाद अधिकांश छात्रों की पहली पसंद इंजीनियरिंग करने की रहती है। इसमें आइआइटी जैसे संस्थानों से बीटेक करना छात्रों का सपना रहता है।
डा. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों से भी हजारों छात्र प्रवेश लेते हैं। मेरठ में 39 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। हर साल करीब 12 हजार छात्र इन कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं। लेकिन अंतिम वर्ष तक बहुत से छात्र ड्राप आउट होकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे में हर साल करीब छह हजार छात्र - छात्राएं अपनी बीटेक की डिग्री पूरी कर पा रहे हैं। इसमें से ज्यादातर छात्र कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्किल, सिविल आदि ब्रांच से अपनी इंजीनियरिंग कर रहे हैं। अब इस साल से एकेटीयू ने आर्टिर्फिशियल इंटेलीजेंस जैसे कोर्स को भी बीटेक में शुरू कर दी है। मेरठ के कई कॉलेज इसमें प्रवेश ले रहे हैं। कॉलेजों की माने तो एआइ को लेकर छात्रों में उत्साह है। एआइ आधारित तकनीकी बढऩे से एआइ के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी। एआइ के इंजीनियर कभी भी बेकार नहीं होंगे।
सर छोटूराम में भी शुरू होगी एआइ
चौ. चरण सिंह विवि परिसर में सर छोटूराम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में बीटेक के कोर्स संचालित हैं। यहां भी आने वाले समय में बीटेक में एआइ शुरू करने की तैयारी है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा का कहना है कि बिग डेटा, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस जैसे पाठ्यक्रम आज की मांग है। इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा।
ये है एआइ
एआइ यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें इंसानी दिमाग का काम मशीन करती है। इस तकनीकी से बगैर किसी व्यक्ति के कार को आपरेट करने से शतरंज तक खेला जा सकता है। आजकल बैंकों में चैट बाक्स में एआइ तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है।