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आधा किलोमीटर लंबी ट्रेन, यात्री दो मिनट में कैसे ढूंढे अपना कोच

सिटी रेलवे स्टेशन कुछ देर रुकने वाली लंबी-लंबी ट्रेनों में सवार होना टेढ़ी खीर है। प्लेटफार्म पर कोच की स्थिति दर्शाने के लिए एलइडी लगा दिए गए हैं लेकिन एक माह बाद भी व्यवस्था चालू नहीं हो पाई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 10:00 AM (IST)
आधा किलोमीटर लंबी ट्रेन, यात्री दो मिनट में कैसे ढूंढे अपना कोच
आधा किलोमीटर लंबी ट्रेन, यात्री दो मिनट में कैसे ढूंढे अपना कोच

मेरठ, जेएनएन। सिटी रेलवे स्टेशन कुछ देर रुकने वाली लंबी-लंबी ट्रेनों में सवार होना टेढ़ी खीर है। प्लेटफार्म पर कोच की स्थिति दर्शाने के लिए एलइडी लगा दिए गए हैं, लेकिन एक माह बाद भी व्यवस्था चालू नहीं हो पाई है।

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सिटी स्टेशन पर पिछले पांच सालों से कोच डिस्प्ले सिस्टम कार्य नहीं कर रहा है। चार माह पहले जब डीआरएम सुखमल चंद जैन ने स्टेशन का दौरा किया था तो उन्होंने इसका टेंडर जल्द किए जाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई।

24 कोचों में से अपना कोच ढूंढना टेढ़ी खीर

रेलवे के एक कोच की लंबाई 23.22 मीटर होती है। नौचंदी एक्सप्रेस में 22 कोच लगते हैं। इसी तरह लंबी दूरी की ट्रेनों में 24 कोच होते हैं। इस तरह से 500 मीटर से छह सौ मीटर लंबी ट्रेन होती है।

लखनऊ जाने वाली नौचंदी का स्टापेज तो 45 मिनट का है। उसमें लिए यात्रियों को कोच ढूंढने का समय मिल जाता है, लेकिन उत्कल और नंदा देवी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें केवल दो मिनट सिटी स्टेशन पर रुकती हैं। इनमें 24 कोच होते हैं। कोच्चिवली-देहरादून, इंदौर-देहरादून और इंदौर-अमृतसर जैसी ट्रेनों का स्टेशन पर ठहरने का समय केवल दो मिनट ही है। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में भी 24 कोच होते हैं जबकि इसका स्टापेज केवल तीन मिनट का है। यह ट्रेनें जब स्टेशन पर आती है तो यात्रियों की धड़कन बढ़ जाती हैं। भगदड़ की स्थिति हो जाती है। महिला और बुजुर्ग यात्रियों को तो और मुश्किलें पेश आती हैं कि आखिर उनका कोच कहां पर होगा। रेल कर्मी और वेंडर भी कोचों की स्थिति बता पाने में हाथ खड़े कर देते हैं। अक्सर यात्रियों को दूसरे कोच में चढ़ना पड़ता है। आगे जहां ट्रेन पांच से दस मिनट रुकती है वहां पर लोग अपना कोच ढूंढते हैं। जल्दबाजी में ट्रेन में चढ़ने पर हादसे भी होते हैं। गत दिनों में कैंट स्टेशन पर हरिद्वार से आ रहे तीर्थयात्री पानी लेने उतरे थे, पानी भर ही रहे थे कि ट्रेन चल दी पकड़ने के चक्कर में वह ट्रेन के नीचे आ गए और मौत हो गई।

स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि कोच डिस्प्ले सिस्टम लगाने की कार्रवाई उच्च अधिकारियों के स्तर से होनी है। यात्रियों की परेशानियों से अवगत करा दिया गया है।

चेन खींच कर ट्रेन रोकते हैं यात्री

रात में आने वाली छत्तीसगढ़ और नंदा देवी एक्सप्रेस में अगर कोई यात्री नहीं चढ़ पाता तो जो परिजन ट्रेन में चढ़ जाते हैं वह चेन पुलिंग कर देते हैं। जिससे ट्रेन पांच से 10 मिनट तक खड़ी हो जाती है।


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