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मेरठ में अतिक्रमण की चपेट में नाला, जलनिकासी प्रभावित

लाखों रुपये नाला सफाई पर हर महीने खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी हालात बदत्तर हैं। नाला सफाई के नाम पर खानापूरी की जा रही है। कहने को नगर निगम ने नाला सफाई की कार्ययोजना एक अप्रैल से बना रखी है लेकिन शहर में अभी कई ऐसे नाले हैं जहां सफाई शुरू तक नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 10:00 AM (IST)
मेरठ में अतिक्रमण की चपेट में नाला, जलनिकासी प्रभावित
मेरठ में अतिक्रमण की चपेट में नाला, जलनिकासी प्रभावित

मेरठ। लाखों रुपये नाला सफाई पर हर महीने खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी हालात बदत्तर हैं। नाला सफाई के नाम पर खानापूरी की जा रही है। कहने को नगर निगम ने नाला सफाई की कार्ययोजना एक अप्रैल से बना रखी है लेकिन शहर में अभी कई ऐसे नाले हैं जहां सफाई शुरू तक नहीं हुई है। जबकि मई का आधा महीना गुजर चुका है। इसकी बानगी ट्रांसपोर्ट नगर थाने से मलियाना फाटक तक जाने वाला नाला है।

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बागपत रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर थाने से मलियाना फाटक तक जाने वाले नाले की स्थिति बदत्तर है। दो वार्डो से गुजरने वाला नाला करीब ढाई किमी लंबा है। लेकिन नाले का 80 फीसद हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में है। ट्रांसपोर्ट नगर थाने से कोठारी बाग की ओर करीब 50 मीटर आगे बढ़ते ही नाला गुम हो जाता है। नाले की पटरी पर पक्के रैम्प बना लिए गए हैं। दो हॉस्पिटल हैं जिनके सामने नाले पर पार्किंग बना दी गई है। जबकि मलियाना फ्लाईओवर के समीप नाले पर करीब 70 से ज्यादा दुकानदारों ने पक्के रैम्प बना लिए हैं। कई मकानों की सीढियां नाले पर बन गई हैं। अतिक्रमण की चपेट में होने के कारण नाले की सफाई नहीं हो रही है। जबकि ट्रांसपोर्ट नगर, महावीर नगर, गुप्ता कालोनी, अंबेडकर नगर, लाल मंदिर, कोठारी बाग, चंद्रलोक समेत आसपास के अन्य मोहल्ले और मलियाना फ्लाई ओवर के बाजार की जलनिकासी का मुख्य जरिया यही नाला है। हालात ये हैं कि मलियाना फ्लाई ओवर के नीचे रेलवे लाइन के किनारे खाली प्लाटों में नाले का पानी एकत्र हो रहा है। धीरे-धीरे तालाब का रूप ले रहा है। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन ने अभी तक नाले की सुध नहीं ली है।

नाले पर स्थापित कर दिए ट्रांसफार्मर

जलनिकासी के लिए बनाए गए नाले पर पीवीवीएनएल ने दो स्थानों पर ट्रांसफार्मर प्लेटफार्म बनाकर स्थापित कर दिए हैं। जो बारिश के पानी में अवरोध पैदा करते हैं। हैरानी की बात ये है कि नगर निगम की ओर से इस पर आपत्ति तक नहीं जताई गई है।

कई स्थानों पर नाला हो गया जर्जर

केवल नाले पर अतिक्रमण ही बड़ी समस्या नहीं है बल्कि कई स्थानों पर नाला जर्जर हो गया है। जिससे जरा सी बारिश में नाले का पानी सड़क पर आ जाता है। यह स्थित मलियाना फ्लाई ओवर के पास अधिक बनती है। रेलवे लाइन के किनारे नई बस्ती की ओर जाने वाले मार्ग पर भी इसी वजह से पानी भर जाता है। यह जानते हुए भी नगर निगम प्रशासन ने नाले की मरम्मत नहीं कराई है।

27 जुलाई को इस इलाके में हुआ था जलभराव

पिछले साल बारिश के मौसम में मलियाना फ्लाई ओवर से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर थाने तक नाले का पानी ओवरफ्लो होकर बागपत रोड पर आ गया था। जिससे बागपत रोड से जुड़े मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बन गई थी। मलियाना फ्लाई ओवर के नीचे पूरा बाजार जलमग्न था।

इनकी है जिम्मेदारी

यह नाला दिल्ली रोड वाहन डिपो के क्षेत्र में आता है। प्रभारी गजेंद्र सिंह है और सफाई निरीक्षक जितेंद्र है। नाले की सफाई की जिम्मेदारी इन्हीं पर है। इन्होंने कहा-

ट्रांसपोर्ट नगर थाने से मलियाना फाटक तक नाले की सफाई की कार्ययोजना बनी है। इसी महीने सफाई होनी है। अतिक्रमण हटाने के लिए पहले भी पत्र लिखे गए हैं। एक बार फिर संबंधित विभाग को पत्र लिखेंगे। इस क्षेत्र में जलभराव का कारण ही अतिक्रमण है।

डॉ. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

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