श्रीराम के समय से एक है महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश: राज्यपाल राम नाईक
सीसीएसयू में गीत रामायण गायन में राज्यपाल राम नाईक पहुंचे। उन्होंने कहा श्रीराम के समय से ही उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब का नाता है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 03:06 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 03:06 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि श्रीराम ने उत्तर प्रदेश में जन्म लिया। महाराष्ट्र के नासिक में उनके वनवास का अधिकतम समय बीता। ऐसे में श्रीराम के समय से ही उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब का नाता है। दोनों प्रदेश एक हैं। इन्हें कोई अलग नहीं कर सकता है।
एक है महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश
विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में गीत रामायण कार्यक्रम में राज्यपाल आए थे। उत्तर भारतीयों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने राजनैतिक फायदे के लिए गलत किया, लेकिन इसे महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में मान्यता नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का इतिहास भी उसे एक करता है। काशी के गागा भट् के अभिषेक के बाद ही शिवाजी छत्रपति महाराज स्वीकारा गया। 1857 के मेरठ स्वतंत्रता आंदोलन को ऐतिहासिक तौर पर सभी के सामने लाने का प्रथम प्रयास वीर सावरकर से जुड़ा हुआ है। दोनों राज्यों की इस विरासत को जोड़ते हुए यह सांस्कृतिक अनुबंध हुआ। दो दिन तक गीत रामायण मेरठ में होगा। मराठी गीत रामायण को महाराष्ट्र के आधुनिक वाल्मीकि कहे जाने वाले जीडी मडगुलकर ने 56 गीत रामायण लिखा। उनके पुत्र इसे आज स्वर देंगे।
450 साल बाद प्रयागराज में कुंभ
कुंभ समिति के अध्यक्ष के तौर पर राज्यपाल ने सभी को कुंभ आने का न्योता भी दिया। कहा कि इस बार के कुंभ की की विशेषता है 450 साल बाद प्रयागराज में कुंभ हो रहा है। पहले इसका नाम इलाहाबाद था। मोदी और योगी सरकार ने इस बार अकबर के किले में लगे अक्षयवट को देखने के लिए खोल दिया है। अभी तक यहां सेना रहती थी। जिससे आम लोग इस अक्षयवट वृक्ष को नहीं देख पाते थे। इस बार लोग उसके भी दर्शन कर सकेंगे। 125 देशों के लोग कुंभ में आएंगे। 15 से 16 करोड़ लोग देश और विदेश से कुंभ में जुटेंगे।
राज ठाकरे जैसे लोग संबंध तोड़ते हैं: संभाजी राजे
छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज छत्रपति संभाजी राजे ने कहा कि राज ठाकरे की यूपी के लोगों को भगाने की धमकी ठीक नहीं है। अगर महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं तो यहां भी महाराष्ट्र के लोग रहते हैं। घृणा की राजनीति नहीं करने दी जाएगी। राज ठाकरे जैसे लोग संबंधों को तोडऩे की कोशिश करते हैं।
सजी केसरिया पगड़ी
गीत रामायण के दौरान मराठी समाज के लोगों ने सभी को केसरिया और पीली पगड़ी बांधी। टीका लगाकर अपनी सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाया। समारोह के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर जयकारे भी लगाए। आज गीत रामायण का समापन होगा।
एक है महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश
विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में गीत रामायण कार्यक्रम में राज्यपाल आए थे। उत्तर भारतीयों के साथ किए जाने वाले व्यवहार पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने राजनैतिक फायदे के लिए गलत किया, लेकिन इसे महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में मान्यता नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का इतिहास भी उसे एक करता है। काशी के गागा भट् के अभिषेक के बाद ही शिवाजी छत्रपति महाराज स्वीकारा गया। 1857 के मेरठ स्वतंत्रता आंदोलन को ऐतिहासिक तौर पर सभी के सामने लाने का प्रथम प्रयास वीर सावरकर से जुड़ा हुआ है। दोनों राज्यों की इस विरासत को जोड़ते हुए यह सांस्कृतिक अनुबंध हुआ। दो दिन तक गीत रामायण मेरठ में होगा। मराठी गीत रामायण को महाराष्ट्र के आधुनिक वाल्मीकि कहे जाने वाले जीडी मडगुलकर ने 56 गीत रामायण लिखा। उनके पुत्र इसे आज स्वर देंगे।
450 साल बाद प्रयागराज में कुंभ
कुंभ समिति के अध्यक्ष के तौर पर राज्यपाल ने सभी को कुंभ आने का न्योता भी दिया। कहा कि इस बार के कुंभ की की विशेषता है 450 साल बाद प्रयागराज में कुंभ हो रहा है। पहले इसका नाम इलाहाबाद था। मोदी और योगी सरकार ने इस बार अकबर के किले में लगे अक्षयवट को देखने के लिए खोल दिया है। अभी तक यहां सेना रहती थी। जिससे आम लोग इस अक्षयवट वृक्ष को नहीं देख पाते थे। इस बार लोग उसके भी दर्शन कर सकेंगे। 125 देशों के लोग कुंभ में आएंगे। 15 से 16 करोड़ लोग देश और विदेश से कुंभ में जुटेंगे।
राज ठाकरे जैसे लोग संबंध तोड़ते हैं: संभाजी राजे
छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें वंशज छत्रपति संभाजी राजे ने कहा कि राज ठाकरे की यूपी के लोगों को भगाने की धमकी ठीक नहीं है। अगर महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं तो यहां भी महाराष्ट्र के लोग रहते हैं। घृणा की राजनीति नहीं करने दी जाएगी। राज ठाकरे जैसे लोग संबंधों को तोडऩे की कोशिश करते हैं।
सजी केसरिया पगड़ी
गीत रामायण के दौरान मराठी समाज के लोगों ने सभी को केसरिया और पीली पगड़ी बांधी। टीका लगाकर अपनी सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाया। समारोह के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर जयकारे भी लगाए। आज गीत रामायण का समापन होगा।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें