Move to Jagran APP

वर्दीवालों ने ही डाला सरकारी तिजोरी में 'डाका'

सीसीटीवी कैमरों की खरीद में घोर अनियमितता मिली है। घटिया गुणवत्ता के कारण समय से पहले ही 160 कैमरे खराब हो गए। इक्का-दुक्का कैमरा चल भी रहा है लेकिन व्यवस्था रामभरोसे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 05:12 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 05:12 PM (IST)
वर्दीवालों ने ही डाला सरकारी तिजोरी में 'डाका'
वर्दीवालों ने ही डाला सरकारी तिजोरी में 'डाका'

मेरठ (पंकज तोमर)। साल 2015 में सीसीटीवी कैमरों की खरीद-फरोख्त में घोर अनियमितता बरती गई। नतीजा यह रहा कि डेढ़ साल से 160 कैमरे खंभों पर शोपीस बनकर लटके हैं। मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए वर्दीवालों ने ही सरकारी तिजोरी पर 'डाका' डाल दिया। अब एनुअल मेंटीनेंस चार्ज (एएमसी) के लिए संबंधित कंपनी के पीछे भागदौड़ की जा रही है।

loksabha election banner

तीन वर्ष पूर्व सूबे की अखिलेश सरकार ने पुलिस महकमे को सीसीटीवी कैमरों के लिए ग्रांट भेजी थी। स्थानीय अधिकारियों ने कैमरों की खरीद की और चिह्नित किए गए 160 स्थानों पर निजी कंपनी के माध्यम से इन्हें लगवा दिया। लगभग डेढ़ साल से ये कैमरे खराब हैं। इक्का-दुक्का चल भी रहा है लेकिन व्यवस्था रामभरोसे है।

इस तरह हुई गड़बड़ी

फाइलों में प्रति कैमरे की कीमत फिटिंग समेत करीब 5500 रुपये दर्शाई गई है, जबकि मार्केट में इसी कैमरे की फिटिंग सहित कीमत लगभग 2200 रुपये है। यानी, एक कैमरे की खरीद पर करीब 3300 रुपये का खेल किया गया। 1.3 मेगा पिक्सल (एनालॉग) के इन कैमरों की क्वालिटी की बात तो छोड़िए, बैकअप की भी व्यवस्था नहीं की गई थी। बिजली जाने के बाद कैमरे बंद हो जाते थे। अब तक भी बैकअप का इंतजाम नहीं है। दो साल के बजाय एक साल की वारंटी ली गई। हालांकि, कंपनी ने तभी अच्छे कैमरे खरीदने की बात कही थी। बावजूद, सबसे घटिया किस्म के कैमरों की खरीद हुई, जो एक साल भी नहीं चल पाए।

कंपनी ने खड़े किए हाथ

ट्रैफिक पुलिस ने कंपनी से बात की तो उसने भी वारंटी अवधि समाप्त होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए हैं। अब एनुअल मेंटीनेंस चार्ज (एएमसी) के लिए पुलिस भागदौड़ कर रही है। जानकार बताते हैं कि यदि इन कैमरों को रिपेयर भी कराया जाए तो प्रति कैमरा 500 रुपये के हिसाब से लगभग 80 हजार रुपये खर्च होगा, जो ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं है। ट्रैफिक एसपी ने संबंधित अधिकारियों को एएमसी कराने के लिए चिट्ठी भेजी है।

शहर में कैमरों की स्थिति

-2015 में पुलिस ने 160 कैमरे लगवाए थे।

-निजी कंपनी द्वारा 77 कैमरे लगाए गए हैं।

-रिलायंस जिओ ने 174 अत्याधुनिक कैमरे लगाए हैं।

एसपी यातायात संजीव कुमार बाजपेयी का कहना है कि यह कैमरे मेरी तैनाती से पहले लगवाए गए थे। फिलहाल सभी कैमरे खराब हैं, जिनकी एएमसी के लिए संबंधित कंपनी से संपर्क किया गया था। उसने वारंटी पीरियड समाप्त हो जाने की बात कही है। फिर भी यातायात पुलिस अपने स्तर पर प्रयास कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.