Rapid Rail: रैपिड रेल कारिडोर पर दौड़ेगी मालगाड़ी, दिल्ली-एनसीआर के शहरों के बीच व्यापार में आएगी तेजी
Delhi Meerut Rapid Rail एनसीआर के शहरों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ाने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम पर मालगाड़ी चलाने की योजना है। इससे दिल्ली गुरुग्राम मेरठ व पानीपत जैसे शहरों से सामान तेजी से जा सकेगा। रैपिड रेल में यात्री अपने साथ सामान भी ले जा सकेंगे।
मेरठ, प्रदीप द्विवेदी। देश की पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में दिल्ली-एनसीआर का सहयोग बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) नए मिशन पर जुटा है। रैपिड रेल कारिडोर पर मालगाड़ी चलाने की योजना है।
दिल्ली, गुरुग्राम, मेरठ व पानीपत जैसे शहरों से मिलेगा लाभ
दिल्ली-एनसीआर के शहरों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ाने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम यानी रैपिड रेल कारिडोर पर मालगाड़ी चलाने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। योजना तैयार की जा रही है। इससे दिल्ली, गुरुग्राम, मेरठ व पानीपत जैसे शहरों से अब सामान तेजी से जा सकेगा। इसका लाभ ई-कामर्स, कुरियर और पार्सल सेवा कंपनियों को मिलेगा। मेट्रो सेवा की तरह रैपिड रेल की यात्री गाड़ी भी सुबह छह से रात 11 बजे तक चलेगी। इस अवधि के बाद रैपिड रेल की मालगाड़ी चलेगी।
माल परिवहन के लिए बनेंगे वेयरहाउस
मालगाड़ी के आकार, उपयोगिता और संचालन आदि को लेकर कंपनियों के साथ वार्ता चल रही है। माल परिवहन के लिए रैपिड रेल के डिपो में वेयरहाउस बनाए जाएंगे। वर्तमान में निर्माणाधीन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर पर जंगपुरा, दुहाई और मोदीपुरम डिपो में वेयरहाउस बनेंगे। कंपनियां अपना सामान एक से दूसरे वेयरहाउस तक पहुंचा सकेंगी।
यात्री गाड़ी में सामान की क्षमता पर हो रहा विचार
रैपिड रेल में यात्री अपने साथ सामान भी ले जा सकेंगे। यह रेल एक शहर को दूसरे शहर से जोड़ने वाली सेवा है। इसके माध्यम से लोग एयरपोर्ट तक भी जाएंगे। इस स्थिति में ज्यादा सामान ले जाने की जरूरत होगी। इसको ध्यान में रखते हुए कोई भी यात्री ज्यादा सामान ले जा सकेगा, फिर भी सामान ले जाने की एक सीमा तय की जा सकती है। इस पर अभी विचार किया जा रहा है।
एक जुलाई से चूहे मारने का अभियान चलाएगा कृषि रक्षा विभाग
मेरठ, जागरण संवाददाता। संचारी रोग नियंत्रण अभियान 2022 के द्वितीय चरण में कृषि रक्षा विभाग एक जुलाई से गांव-गांव जाकर चूहे मारने का अभियान चलाएगा। कृषि रक्षा विभाग इस अभियान के तहत गांव-गांव जाकर गोष्ठी करेगा और साथ ही संचारी रोगों के प्रचार-प्रसार और इससे होने वाली हानियों व दुष्प्रभावों से जागरूक किया जाएगा। संचारी रोगों के लिए चूहा उत्तरदायी है। इसका प्रभावी नियंत्रण करना आवश्यक है। यह अभियान एक जुलाई 2022 से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। इस संबंध में कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह व अपर कृषि निदेशक कृषि रक्षा त्रिपुरारी प्रसाद चौधरी ने सभी जिलों को पत्र जारी किया है।