Move to Jagran APP

मेरठ : गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, ट्रेंच विधि से बुआई कर मिलेगा अधिक उत्पादन

सामान्य विधि से गन्ना बुवाई करने पर औसतन 60-70 टन गन्ने का उत्पादन प्रति हेक्टेयर मिलता है वहीं ट्रेंच विधि से गन्ना की बुआई की जाए तो प्रति हेक्टेयर लगभग 10 से 20 टन अधिक गन्ने का उत्पादन लिया जा सकता है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 12:56 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 12:56 PM (IST)
मेरठ : गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, ट्रेंच विधि से बुआई कर मिलेगा अधिक उत्पादन
गन्ना किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ना बुवाई कर मिलेगा अधिक उत्पादन

मेरठ, जागरण संवाददाता। शरदकालीन गन्ना बुआई ट्रेंच विधि से करने से गन्ना किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इस विधि से बुवाई करने पर गन्ना फसल की ज्यादा सिंचाई नहीं करनी पड़ती है। इस विधि द्वारा बुुआई से खूड़ से खूड़ के बीच की दूरी बढ़ती है। जिसके कारण पौधों को पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी व हवा मिलती है। जिससे पौधे स्वस्थ होकर तेजी से बढते हैं। गन्ने का जमाव समतल विधि की तुलना में ज्यादा होता है। जड़ों का विकास अधिक गहराई तक होता है। जिससे भूमि से पौधों के द्वारा पोषक तत्वों का सही विश्लेषण किया जाता है। साथ ही गन्ना गिरता नहीं है। दो लाइनों के मध्य अंत:फसल आलू, लहसुन, प्याज, धनिया, मटर व सरसों आदि की ली जा सकती है।

loksabha election banner

इस तरह करें ट्रेंच विधि से बुआई

संभागीय विख्यापन अधिकारी उपेंद्र सिंह ने बताया कि ट्रेंच विधि का मतलब नाली खोदकर नाली में गहराई में गन्ने की बुआई करना है। एक ट्रेंच से दूसरे ट्रेंच की दूसरी यदि अक्टूबर में बुआई कर रहे हैं तो चार फुट रखनी चाहिए। बुआई करते समय संस्तुत प्रजातियों के स्वस्थ बीजों का चयन करना चाहिए। बुआई करने से पूर्व बीज शोधन अवश्य कर लेना चाहिए। सामान्य विधि से गन्ना बुवाई करने पर औसतन 60-70 टन गन्ने का उत्पादन प्रति हेक्टेयर मिलता है वहीं, ट्रेंच विधि से गन्ना की बुआई की जाए तो प्रति हेक्टेयर लगभग 10 से 20 टन अधिक गन्ने का उत्पादन लिया जा सकता है। गन्ना विकास विभाग द्वारा ट्रेंच विधि से गन्ना बुआई को बढ़ावा दे रहा है। विभाग द्वारा जनपदवार लक्ष्यों का आवंटन किया गया है। मेरठ जनपद में ट्रेंच विधि से गन्ना बुआई के लिए 8387 हेक्टेयर का लक्ष्य आवंटित किया गया है। इसी प्रकार परिक्षेत्र मेरठ के लिए 22750 हेक्टेयर का लक्ष्य आवंटित किया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.