अच्छे रिसर्च के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है
अगर हम अच्छा रिसर्च करना चाहते हैं तो अच्छी शिक्षा भी जरूरी है। जिस देश में अच्छी शिक्षा होगी। वहां निश्चित ही अच्छे रिसर्च होंगे। मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान - रुसा-के तहत आयोजित कार्यशाला में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कही।
मेरठ, जेएनएन। अगर हम अच्छा रिसर्च करना चाहते हैं तो अच्छी शिक्षा भी जरूरी है। जिस देश में अच्छी शिक्षा होगी। वहां निश्चित ही अच्छे रिसर्च होंगे। मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान - रुसा-के तहत आयोजित कार्यशाला में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कही।
27 दिसंबर से शुरू हुई कार्यशाला में गुरुवार को अंतिम दिन रहा। बकौल मुख्य वक्ता प्रो. मित्तल ने कहा कि शोध का स्तर गिर रहा है। इसे बढ़ाने की जरूरत है। शोध में सामाजिक सरोकार को भी जोड़ा जाना चाहिए। कृषि विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है कि पर्यावरण को बचाने के लिए सभी संस्थाओं के साथ मिलकर मंथन किया जाए। आयोजन अध्यक्ष और कॉलेज की प्राचार्य डा. संगीता गुप्ता ने बताया कि सप्ताह भर की कार्यशाला में शोध प्रणाली और पर्यावरण के सभी पहलुओं को जानने का मौका मिला। आयोजन सचिव डा. नीलम कुमारी ने बताया कि कार्यशाला में 19 जिलों और पांच राज्यों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
अवैतनिक सचिव सेठ दयानंद गुप्ता ने पर्यावरण पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में विकास तो हुआ है, लेकिन उसके साथ पर्यावरण को नुकसान भी हुआ है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। संयोजक डा. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 22 विषयों ने पर्यावरण के उपर अपना व्याख्यान दिया है। चीफ प्राक्टर डा. अलका चौधरी ने कहा कि कार्यशाला से बहुत कुछ सीखने को मिला है। उसका 30 फीसद हिस्सा भी आगे बढ़ाया गया तो कार्यशाला की सफलता होगी। रुसा के समन्वयक डा. संजय कुमार ने सभी का धन्यवाद दिया। इसमें डा. मृदुला शर्मा, डा. आरके उपाध्याय, डा. एमपी वर्मा, डा. राजीव राठौर, डा. कल्पना मित्तल, डा. रमेश यादव सहित अन्य का सहयोग रहा।
नार्थ ईस्ट पर लिखी पुस्तक का विमोचन
कार्यशाला में स्ट्रेटजिक इंपैक्ट आफ नार्थ ईस्ट एंड इंडिया लुक ईस्ट पालिसी नाम से पुस्तक का विमोचन किया गया। यह पुस्तक डा. संजय कुमार, डा. बीना राय और डा. नीलम कुमारी ने मिलकर लिखा है। पुस्तक में भारत की सुरक्षा में नार्थ ईस्ट के राज्यों को अहम बताया गया है। जिसमें राष्ट्रीय नीति बनाते समय इन राज्यों के भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सामरिक स्थिति पर भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है।