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सोना लूट में होटल संचालक व साथी कार्बाइन सहित गिरफ्तार

लालकुर्ती थाना क्षेत्र में बीते दिनों मणप्पुरम गोल्ड लोन की ब्रांच से दस किलो सोना लूटने के मामले में पुलिस ने शहर में बागपत रोड स्थित होटल के संचालक व उसके साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से कार्बाइन व 30 कारतूस बरामद हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 09:00 AM (IST)
सोना लूट में होटल संचालक व साथी कार्बाइन सहित गिरफ्तार
सोना लूट में होटल संचालक व साथी कार्बाइन सहित गिरफ्तार

मेरठ। लालकुर्ती थाना क्षेत्र में बीते दिनों मणप्पुरम गोल्ड लोन की ब्रांच से दस किलो सोना लूटने के मामले में पुलिस ने शहर में बागपत रोड स्थित होटल के संचालक व उसके साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से कार्बाइन व 30 कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक सोना लूट की योजना उक्त होटल पर बनी थी। उसमें संचालक व उसका साथी भी शामिल था।

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कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश मिश्र ने बताया कि कंकरखेड़ा के प्रेम नगर निवासी जॉनी पॉल पुत्र मुन्नालाल पॉल को मुखबिर की सूचना पर यूएसए मेड कार्बाइन व 30 कारतूस के साथ दोपहिया रोड से गिरफ्तार किया गया है। उसका साथी संजीव पुत्र सुरेंद्र निवासी आदर्श नगर बड़ौत (बागपत) के पास से एक तमंचा व दो कारतूस मिले हैं। सोना लूट के मामले में जेल जा चुका हेमंत और जॉनी बागपत रोड स्थित होटल में पार्टनर हैं। इसी होटल पर लूट की योजना बनी थी, जिसमें जॉनी भी शामिल था। कार्बाइन पिलखुवा निवासी धीरेंद्र नाम के युवक ने संजीव को दी थी। कार्बाइन के लिए उसने 30 हजार रुपये बतौर पेशगी धीरेंद्र को दिए थे। बाद में जॉनी ने उससे कार्बाइन ले ली। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जेल भेज दिया। डीजीपी बन फोन करने के दोनों आरोपित जेल भेजे

मवाना। डीजीपी की फर्जी आइडी बनाकर पुलिस अफसरों पर रौब गालिब करने के मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपित युवकों को बहसूमा पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपित रामराज निवासी अरूख कुमार और रामगोपाल को बहसूमा पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। एसओ बहसूमा रविद्र कांबोज ने बताया कि उक्त दोनों युवक लगभग तीन माह से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। उन्होंने मेरठ, मुजफ्फरनगर, तथा बिजनौर के कई थानों व पुलिस अधिकारियों पर रौब गालिब कर अपराधियों की सिफारिश की थी। बताया कि आरोपित युवकों ने ट्रू कॉलर आइडी पर अपने नंबर को डीजीपी के नाम सेव कर रखा था। जिसका प्रयोग वे फर्जी कामों के लिए करते थे। इन्होंने कई बार एसएसपी व डीआइजी को भी फोन करना स्वीकार किया। अरुण रामराज में कई साल से फर्जी चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहा है। आरोपित रामगोपाल पड़ोसी युवक के खिलाफ छेड़छाड़ करने व युवती के अपहरण की फर्जी रिपोर्ट दर्ज करा चुका है। उक्त दोनों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।


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