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सच्चे भक्त का उद्धार करने स्वयं जाते हैं भगवान : अतुल

भैसाली मैदान में सोमवार को श्रीराम कथा में केवट प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन हुआ। कथाव्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि रामचरित मानस में भगवान के पैर तीन जगह धोए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:04 AM (IST)
सच्चे भक्त का उद्धार करने स्वयं जाते हैं भगवान : अतुल
सच्चे भक्त का उद्धार करने स्वयं जाते हैं भगवान : अतुल

मेरठ, जेएनएन। भैसाली मैदान में सोमवार को श्रीराम कथा में केवट प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन हुआ। कथाव्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि रामचरित मानस में भगवान के पैर तीन जगह धोए गए हैं। पहला राजा जनक ने कन्यादान के समय, दूसरा केवट और तीसरा शबरी ने अपने आंसुओं से प्रभु राम के पैर पखारे।

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कथा व्यास ने कहा कि भगवान से हमारा साक्षात्कार तभी होता है, जब मन पवित्र और निर्मल होता है। हमरी अटरिया पर आ जा रे संवरिया देखा-देखी तनिक होई जाए रे भजन सुनाया तो पंडाल में बैठे लोगों ने सुर मिलाया। भगवान सच्चे भक्त का उद्धार करने उसके पास जाते हैं। निषाद राज का मेहमान होने के बावजूद वे केवट के पास स्वयं जाते हैं और गंगा पार कराने का अनुरोध करते हैं। महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण दुर्योधन के समधी थे, शांति दूत बन कर वे उसके पास गए थे। दुर्योधन ने कृष्ण के लिए स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कराए थे, लेकिन वहां पर उन्होंने भोजन नहीं किया। भोजन उन्होंने विदुर के घर किया, जिसे दुर्योधन ने राज्य से निष्कासित कर दिया था। भगवान प्रेम के भूखे हैं।

अतुल कृष्ण महाराज ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और राम प्रसाद बिस्मिल का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपने को भारत माता के लिए समर्पित कर दिया और अमर हो गए। सच्चा भक्त कभी मौत से नहीं डरता। मुख्य यजमान मयंक मोहन गुप्ता, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, आरएसएस के धनीराम, विनोद भारतीय, ईश्वर चंद कंसल, संजय त्रिपाठी, जितेंद्र पहवा सरदार सतनाम सिंह नामी, दलजीत सिंह, राकेश शर्मा, अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।

कार्तिकेय की तरह बने छात्र

श्रीराम कथा सुनाकर भक्तों को मर्यादित आचरण के लिए प्रेरित करने वाले आचार्य अतुल कृष्ण महाराज सुबह के समय सदर स्थित बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय पहुंचे। महाविद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्रों को संबोधित किया। कहा कि जब भगवान से विष्णु से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सेनापतियों में कार्तिकेय हूं। भगवान शिव के पुत्र ज्ञान वान होने के साथ ही ज्ञान बांटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष तक सिर्फ विद्याभ्यास में मन लगाना चाहिए। इस अवसर प्रबंधक महेश सिंघल, प्रधानाचार्य डा. दिनेश चंद शर्मा, पंकज झा, अमन गुप्ता, समेत अन्य स्टाफ मौजूद रहा। इसके बाद महाराज अतुल कृष्ण महताब सिनेमा के पास स्थित महाकालेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना भी की।


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