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दो सेमी का चीरा..मिलेगी कमर दर्द से निजात

कमर की डिस्क खिसकने पर अब घबराने की जरूरत नहीं है। मेरठ में ही माइक्रो एंडोस्कोपिक डिसेक्टमी तकनीक के जरिए मरीज को कमर दर्द से निजात मिल जाएगी। ऑपरेशन कर सिर्फ दो सेमी का चीरा लगाकर मर्ज ठीक किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 03:00 AM (IST)
दो सेमी का चीरा..मिलेगी कमर दर्द से निजात
दो सेमी का चीरा..मिलेगी कमर दर्द से निजात

मेरठ। कमर की डिस्क खिसकने पर अब घबराने की जरूरत नहीं है। मेरठ में ही माइक्रो एंडोस्कोपिक डिसेक्टमी तकनीक के जरिए मरीज को कमर दर्द से निजात मिल जाएगी। ऑपरेशन कर सिर्फ दो सेमी का चीरा लगाकर मर्ज ठीक किया जाएगा।

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आइएमए हॉल में ब्रेन एवं स्पाइन सर्जन डॉ. अमित बिंदल ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो मरीजों अनूप निवासी बुलंदशहर और फुरमेद निवासी हापुड़ की कमर की डिस्क खिसक जाने से दोनों के पैर सुन्न हो गए थे। इनका ऑपरेशन इसी तकनीक से किया गया। दोनों ही अब पूरी तरह ठीक हैं। उन्होंने कहा कि मेरठ में पहली बार इस तकनीक से ऑपरेशन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक माइक्रोस्कोप का प्रयोग कर हाईस्पीड ड्रिल सिस्टम से यह ऑपरेशन किया जाता है। प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. मनीषा बिंदल, डॉ. आलोक अग्रवाल, डॉ. विशाल अग्रवाल, डॉ. राजेश मिश्रा मौजूद रहें। ऑपरेशन में एक लाख का खर्च

डॉ. अमित ने बताया कि इस ऑपरेशन में 80 हजार से एक लाख रुपये तक का खर्चा आता है। इससे रीढ़ की हड्डी में आए विकार को दूर किया जा सकता है। कमर में तेज दर्द और पैरों में बिजली के करंट जैसा दर्द होता है। इसे सायटिका भी कहते हैं। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है, ताकि मांसपेशियां मजबूत रहें। जिन लोगों की मांस पेशियां कमजोर होती हैं। उनमें ये समस्या अधिक होती है। बॉयलर में दिक्कत, मिल में पेराई बंद

मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में पेराई बंद होने से किसान परेशान हैं। बॉयलर में तकनीकी कमी बताई गई है। गन्ना लदी ट्रॉली व ट्रैक्टर लिए किसान यार्ड में खड़े हैं। मिल प्रतिनिधियों की ओर से बताया गया कि इंजीनियर बॉयलर दुरुस्त करने में लगे हैं। मिल के जीएम एसआर नारायण ने बताया कि बॉयलर को रात तक दुरुस्त कर लिया जाएगा। वहीं किसानों का कहना है कि मिल का प्रतिदिन का लक्ष्य 35 हजार कुंतल है, लेकिन पेराई सिर्फ 25 हजार कुंतल ही हो रही है।


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