आमसभा आज, हड़ताल-क्रमिक अनशन जारी
अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या के मामले में नामजद लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल और कलक्ट्रेट पर क्रमिक अनशन गुरुवार को भी जारी रहा।
मेरठ, जेएनएन। अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या के मामले में नामजद लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल और कलक्ट्रेट पर क्रमिक अनशन गुरुवार को भी जारी रहा। हड़ताल के बावजूद काम करते मिलने पर एक और अधिवक्ता की बार से सदस्यता समाप्त कर दी गई। वहीं, अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को आमसभा करके बड़ा निर्णय लेने की घोषणा की है। इस आमसभा में बेगमपुल पर जाम लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। सहमति बनने पर ही जाम लगाया जाएगा।
आज 11 बजे होगी आमसभा
मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री सचिन चौधरी ने बताया कि ओमकार तोमर आत्महत्या मामले में सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों के दवाब में पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया है। अधिवक्ताओं को लगातार आश्वासन देकर टाला जा रहा है। इससे अधिवक्ता गुस्से में हैं। शुक्रवार सुबह 11 बजे पंडित नानकचंद सभागार में आम सभा करके आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि बार एसोसिएशन के प्रस्ताव का उल्लंघन करके न्यायिक कार्य करते मिले अधिवक्ता अमित कुमार की बार से सदस्यता समाप्त कर दी गई है।
जारी रही हड़ताल और क्रमिक अनशन
गिरफ्तारी की मांग को लेकर अधिवक्ताओं की न्यायिक कार्य और रजिस्ट्री से हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही। कलक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के सामने जारी क्रमिक अनशन का भी छठा दिन था। अनशन का नेतृत्व अशोक पंडित ने किया। संजीव आत्रेय, जगदीश राघव, अरुण शर्मा, नीरज सोम, नरेश प्रधान, अमित शर्मा, अरविंद शर्मा, आदेश शर्मा, एनडी तिवारी, अमरपाल भट्टल आदि मौजूद रहे। दिनभर अधिवक्ताओं के दस्ते न्यायालयों और रजिस्ट्री कार्यालयों पर निगरानी भी करते रहे।
कमिश्नर कार्यालय में ज्ञापन दिया
आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नरी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन भी दिया।
पूर्व अध्यक्ष की सदस्यता बहाली की मांग
मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता धीर सिंह की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षर करके एक प्रत्यावेदन बार कार्यालय में सौंपा। धीर सिंह का कहना है कि एडीएम भूमि अध्याप्ति कार्यालय में वे किसी मामले में पैरवी करने नहीं गए थे। उनकी खुद की भूमि अधिगृहीत हुई है। इसके लिए उन्हें कार्यालय में बुलाया गया था। वहां उन्होंने कोई वकालतनामा भी नहीं लगा रखा है। वहीं, मेरठ बार एसोसिएशन अध्यक्ष और महामंत्री का कहना है कि उन्हें अभी कोई प्रत्यावेदन नहीं मिला है। आंदोलन के दौरान ऐसे किसी प्रत्यावेदन पर विचार भी नहीं किया जा सकता है।