कुख्यात सुनील राठी के इशारे पर पुलिस कस्टडी से छुड़ाया था अमित, इन राज्यों में फैले हैं गिरोह के तार
कुख्यात सुनील राठी के कहने पर ही मोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर गत 15 दिसंबर 2014 को देहरादून पुलिस से दो एके-47 व एक कार्बाइन लूटकर गैंगस्टर अमित उर्फ भूरा को छुड़ाया था।
बागपत, जेएनएन। कुख्यात सुनील राठी का गैंगस्टर सचिन उर्फ मोनू दायां हाथ बताया जाता है। सुनील के कहने पर ही मोनू ने अपने साथियों के साथ मिलकर गत 15 दिसंबर 2014 को देहरादून पुलिस से दो एके-47 व एक कार्बाइन लूटकर गैंगस्टर अमित उर्फ भूरा निवासी सरनावली (मुजफ्फरनगर) को छुड़ाया था। इस गिरोह का सरगना सुनील राठी है। यह गिरोह यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों में सक्रिय है।
ऐसे हुई सुनील और सचिन की दोस्ती
पुलिस के मुताबिक सचिन ने जानकारी दी कि उसके पिता नरेश और सुनील राठी के पिता नरेश राठी के अच्छे संबंध थे। उसका भाई रोबिन व सुनील राठी मेरठ में सहपाठी रहे हैं।
सचिन के खिलाफ दर्ज है 11 मुकदमें
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक सचिन उर्फ मोनू के खिलाफ विभिन्न धाराओं के 11 मुकदमें दर्ज है। वर्ष 2008 में छपरौली थाने में सबसे पहले गैर इरादतन जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। रुड़की कोतवाली में वर्ष 2011 व गंगनहर कोतवाली में 2014 में हत्या का एक-एक मुकदमा दर्ज हुआ। गंगनहर कोतवाली पुलिस ने वर्ष 2014 में ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। वर्ष 2014 में बागपत कोतवाली में डकैती की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2015 में पंजाब के एसबीएसनगर नबा शहर में धोखाधड़ी तथा पटियाला थाने में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2015 में बागपत कोतवाली पुलिस ने भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। वर्ष 2016 में रूड़की के गंगनहर थाने में रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2020 में छपरौली थाने में हत्या और शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। सचिन वर्ष 2018 में जमानत पर जेल से छूटा था।
सुनील राठी का अपराधनामा
कस्बा टीकरी निवासी सुनील राठी दोघट थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के 39 मुकदमें दर्ज हैं। उसकी माता राजबाला चौधरी टीकरी नगर पंचायत की पूर्व चेयरपर्सन है। सुनील राठी ने नौ जुलाई 2018 को जिला कारागार में पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या की थी। इस केस की सीबीआइ जांच कर रही है।