गंगापुरम में राजनीतिक लोगों का प्रवेश निषेध, बुद्धि-शुद्धि के लिए करेंगे यज्ञ
गंगापुरम कॉलोनीवासियों का सब्र अब जवाब देने लगा है। उन्होंने कॉलोनी में राजनीतिक लोगों के प्रवेश पर पाबंदी की बात कही है। ये लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। गंगापुरम कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रहे लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है। लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान करने के साथ ही कॉलोनीवासी शासन-प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ करेंगे। बिल्डर पर कार्रवाई न होने से भी लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
गंगापुरम कॉलोनी का बुरा हाल
गंगापुरम कॉलोनी मवाना रोड पर स्थित है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि दस वर्ष बाद भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। आरडब्ल्यूए की ओर से वर्ष की शुरुआत में एमडीए से शिकायत की गई थी। सात मार्च 2018 को तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर कॉलोनाइजर पर करीब एक करोड़ का वसूली प्रमाण पत्र जारी किया था।
कोर्ट के आदेश पर भी कुछ नहीं हुआ
आरडब्ल्यूए की अध्यक्ष नीतू राणा व उपाध्यक्ष सुनीता राठी का कहना है इस आरसी के विरुद्ध बिल्डर ने हाई कोर्ट में याचिका डाली। याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने चार अप्रैल को उप्र सरकार के प्रमुख सचिव को पंच नियुक्त करने के आदेश जारी किए। करीब 10 माह बाद भी कुछ नहीं हुआ।
एक को बुद्धि-शुद्धि हवन
शनिवार को आरडब्ल्यूए के सदस्य व कॉलोनीवासी महिलाओं ने प्रदर्शन करते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया। उन्होंने एलान किया कि कोई भी पार्टी का प्रत्याशी वोट मांगने के लिए कॉलोनी में न आए। एक जनवरी को विरोधस्वरूप शासन-प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन करने की बात कही। विरोध-प्रदर्शन करने वालों में अनुज सांगवान, ज्योति राणा, सुभाष सिंह, संतोष कुमार, अंगूरी देवी, मांगेराम, प्रीति रावत, विमलेश, पुष्पा सिंह व सविता सांगवान शामिल रहीं।
कॉलोनाइजर ने बेचे भूखंड
नीतू राणा ने बताया कि एमडीए ने कॉलोनी में कॉलोनाइजर के 12 भूखंड को सिक्योरिटी के तौर पर बंधक बनाकर रखा था, लेकिन कॉलोनाइजर ने उनको भी बेच दिया। 20 मार्च को एमडीए के प्रभारी मानचित्र अधिकारी ने गंगानगर थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर कॉलोनाइजर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज को कहा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।