गंगा किनारे के गांव भी होंगे 'शुद्ध', नमामि गंगे प्रोजेक्ट का प्लान तैयार
दो अक्टूबर तक गंगा किनारे के गांवों से गायब हो जाएगा कचरा।
मेरठ (नवनीत शर्मा)। गंगा किनारे के सभी गांवों को खुले में शौचमुक्त किया जा चुका है। अब इन गांवों से किसी भी प्रकार का कूड़ा-कचरा गंगा में गिरने से रोकने के लिए प्लान बी शुरू किया गया है। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गांवों से निकलने वाले कचरे को स्वच्छता टीम घर-घर जाकर साफ करेंगी। इसके अलावा पॉलीथिन के प्रयोग पर भी किनारे के गांवों में पाबंदी रहेगी। केंद्र के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गांवों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान तैयार किया है।
केंद्र और प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान गंगा की निर्मलता और स्वच्छता बनाए रखने पर है। पहले किनारे बसे सभी गांवों और कस्बों को खुले में शौच मुक्त किया गया। ओडीएफ अभियान के तहत जिले के 11 और मंडल के 55 गांवों में छह हजार शौचालयों का निर्माण कराया गया। अब स्वच्छता प्रहरी ग्रामीणों को शौचालय के प्रयोग की सीख देकर गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उधर, गंगा का किनारा खुले में शौच मुक्त होने के बाद केंद्र सरकार ने नमामि गंगे के तहत प्लान बी शुरू किया है। अब सरकार गांवों से निकलने वाले हर तरह कूडे़-कचरे को गंगा में गिरने से पहले गायब करने की योजना तैयार कर रही है। इसके लिए प्रदेश के गंगा किनारे बस सभी 25 जिलों से अलग-अलग प्लान मांगा है। किनारे के सभी जनपद अपने यहां की भौगोलिक स्थिति, रहन-सहन, धार्मिक स्थिति, क्षेत्रफल आदि के हिसाब से योजना तैयार करने में लगे हैं। ऐसे होगा प्लान पर काम
किनारे बसे गांवों के किसानों को जागरूक किया जाएगा। हर घर में कूड़ा जमा करने के लिए डस्टबिन रखे जाएंगे। इसके अलावा इन गांवों में पॉलीथिन के प्रयोग पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। पशु पालन के चलते निकलने वाले गोबर और मूत्र के ठोस, तरल हर तरह के अपशिष्ट को भी एकत्रित कराकर खाद आदि के रूप में प्रयोग किया जाएगा। साथ ही घर से निकलने वाले अन्य कचरे को कूड़ा गाड़ी के माध्यम से घर-घर जाकर साफ कराया जाएगा। अभियान चलाने के लिए स्वच्छता टीम का भी गठन किया जाएगा और प्रबंधन की जिम्मेदारी संबंधित गांवों को दी जाएगी। दो अक्टूबर तक किनारा होगा शुद्ध
पेयजल मंत्रालय ने नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा को कूड़े-कचरे से मुक्ति देने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। दो अक्टूबर तक हर हाल में गंगा में गिरने वाले कचरे का इंतजाम करने के लिए कहा है। समय सीमा निर्धारित होने के बाद जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों के साथ संयुक्त रूप से गंगा स्वच्छता योजना बनानी शुरू की है। इंफो न्यूमेरिक
25 जिले हैं प्रदेश में गंगा के किनारे
55 गांव हैं मेरठ मंडल में गंगा किनारे
6000 शौचालयों का यहां हुआ निर्माण
50 करोड़ खर्च होंगे कूड़ा प्रबंधन पर जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि गंगा किनारे के सभी गांवों को पहले ही खुले में शौच मुक्त कर लिया है। अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान पर काम शुरू किया गया है। किनारे के गांवों में कचरे को गंगा में जाने से पहले ही साफ कराने की योजना तैयार की जा रही है।