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मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने के लिए Ganga Expressway के काम तेजी, जमीन खरीदने के लिए मिले 95 करोड़

प्रदेश सरकार का दावा है कि मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण समय से शुरू होगा और निर्धारित समय पर ही पूरा भी होगा। इसके लिए सरकार सभी व्यवस्था समय से उपलब्ध करा रही है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 04:28 PM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 04:28 PM (IST)
मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने के लिए Ganga Expressway के काम तेजी, जमीन खरीदने के लिए मिले 95 करोड़
मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने के लिए गंगा एक्‍सप्रेस वे के काम में तेजी।

मेरठ, जेएनएन। प्रदेश सरकार का दावा है कि मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण समय से शुरू होगा और निर्धारित समय पर ही पूरा भी होगा। इसके लिए सरकार सभी व्यवस्था समय से उपलब्ध करा रही है। फिलहाल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन खरीद का काम जारी है। इसके लिए धन की उपलब्धता लगातार रखी जा रही है। मेरठ जनपद को हाल ही में 95 करोड़ की तीसरी किस्त जारी की गई है। जून तक सभी 12 जनपदों में जमीन की खरीद का काम पूरा किया जाना है।

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मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए फिलहाल जमीन खरीद का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण न कर किसानों से सीधे बैनामे के माध्यम से जमीन खरीदी जा रही है। एक्सप्रेस-वे मेरठ जनपद के नौ गांवों से होते हुए गुजरेगा। पूरे प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीद का कार्य जून तक पूरा करने का लक्ष्य है। मेरठ जनपद के नौ गांवों में लगभग 180 हेक्टेयर जमीन की खरीद की जानी है। अभी तक 25 हेक्टेयर (ढाई लाख वर्ग मीटर) से ज्यादा जमीन की खरीद की जा चुकी है। रोजाना चार से पांच बैनामे पंजीकृत हो रहे हैं। इनमें 15 से 20 किसान खातेदार शामिल होते हैं। किसानों को उनकी जमीन का भुगतान भी समय से प्राप्त होता रहे, इसके लिए सरकार पैसे की कोई कमी भी नहीं होने दे रही है।

एडीएम प्रशासन और नोडल अधिकारी गंगा एक्सप्रेस-वे मदन सिंह गब्र्याल ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए रोजाना चार से पांच बैनामे किए जा रहे हैं। इनमें 15 से 20 खातेदार किसान परिवार शामिल होते हैं। किसान भी इसके लिए खासा उत्साह दिखा रहे हैं। सभी नौ गांवों के लिए भूमि की दरें पहले ही फाइनल की जा चुकी हैं। जून तक यह कार्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। किसानों को भूमि के बदले किए जाने वाले भुगतान को धनराशि की कोई कमी नहीं है।


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