Ganga Expressway: जमीन खरीद के लिए मेरठ को मिले 250 करोड़, दो दिन में तय हो जाएंगे हर भूमि के रेट
मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार और यूपीडा के अफसर जुटे हैं। एक्सप्रेस-वे की जमीन खरीद के लिए जनपद को 250 करोड़ रुपया मिल गया है। दो िदिन में सभी जमीनों के रेट तय कर दिया जाएगा।
[अनुज शर्मा] मेरठ। मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार और यूपीडा के अफसर जुटे हैं। एक्सप्रेस-वे की जमीन खरीद के लिए जनपद को 250 करोड़ रुपया मिल गया है। जमीन खरीद के लिए प्रत्येक गांव में जमीन के रेट तय करने की प्रक्रिया चल रही है। दावा है कि जिलास्तरीय समिति आगामी दो दिन में रेट फाइनल करके शासन को स्वीकृति के लिए भेज देगी।
12 जनपदों से गुजरने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए लखनऊ से लेकर जिलास्तर तक कार्रवाई युद्धस्तर पर चल रही है। लखनऊ में जहां एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं वहीं जिलास्तर पर इसकी जमीन की व्यवस्था करने का कार्य चल रहा है। लगभग सभी जनपदों में भूमि खरीद के लिए अधिसूचना जारी की जा चुकी है। आपत्तियां प्राप्त करके उनकी सुनवाई का काम किया जा रहा है। मेरठ जनपद के 9 गांवों में भूमि मालिकों की कई सौ आपत्तियां मिली हैं। जिनका निस्तारण एसडीएम सदर द्वारा किया जा रहा है।
समिति तय कर रही प्रत्येक गांव के रेट
एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन की खरीद से पहले प्रत्येक गांव में सभी श्रेणी की भूमि के रेट तय किये जाने हैं। इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति काम कर रही है। एडीएम वित्त सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि प्रत्येक गांव में कृषि, आबादी, व्यवसायिक, मुख्य मार्ग, लिंक मार्ग आदि श्रेणी की जमीनों के लिए अलग अलग रेट तय किए जा रहे हैं। आगामी दो दिन के भीतर जनपद के सभी 9 गांवों की भूमि के रेट निर्धारित करके कमिश्नर के माध्यम से शासन को भेज दिए जाएंगे।
पीपीपी मॉडल पर चार भागों में बनेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे की डीपीआर को 12 चरणों में तैयार किया गया है लेकिन इसका सिविल कार्य 3-3 पैकेज के चार भागों में पूरा कराया जाएगा। सिविल कार्य पर 22,144 करोड़ रुपया खर्च होने का अनुमान है। इसकी डीपीआर को 19 जनवरी को निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसी बैठक में तय किया गया कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट- पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर कराया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे की भूमि खरीद की अधिसूचना पर मिली आपत्तियों का निस्तारण एसडीएम द्वारा किया जा रहा है। जमीन के रेट समिति द्वारा तय किये जा रहे हैं। जमीन खरीद के लिए पैसा भी मिला है। इसकी प्रक्रिया को कम से कम समय में पूरा किया जाएगा।
जमीन खरीदने को मिले 250 करोड़
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन की खरीद करने को यूपीडा द्वारा मेरठ जनपद को 250 करोड़ रुपया उपलब्ध कराया गया है। अफसरों का कहना है कि इससे जमीन खरीदने में आसानी होगी।