गंगा एक्सप्रेस-वे : लेखपाल ने जमीन की पैमाइश और समझौते के लिए मांगी ढाई लाख रुपये की रिश्वत, निलंबित
गंगा एक्सप्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण के नाम भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। गांव अटौला में एक किसान से लेखपाल ने 50 हजार रुपये की मांग की। इसी किसान का भाई से समझौता कराने के नाम पर दो लाख रुपये की मांग कर दी। उसे निलंबित कर दिया है।
मेरठ, जेएनएन। प्रदेश सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों से खरीदी जाने वाली भूमि की पैमाइश करने तथा अन्य औपचारिकताओं के नाम पर किसानों से भारी भरकम रिश्वत की मांग की जा रही है। गांव अटौला में एक किसान से लेखपाल ने 50 हजार रुपये की मांग की। इसी किसान का भाई से समझौता कराने के नाम पर दो लाख रुपये की मांग कर दी। किसान ने इसकी शपथपत्र पर लिखित शिकायत की तो जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। एसडीएम सदर ने तत्काल आरोपी लेखपाल को निलंबित कर दिया। इसकी जांच तथा विभागीय कार्रवाई की जिम्मेदारी तहसीलदार न्यायिक को सौंपी है।
मनमानी से नहीं आ रहे बाज
प्रदेश सरकार जहां आम जनता की सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे बनाने तथा किसानों को उनकी भूमि का उचित मूल्य प्रदान करने का दावा कर रही है। वहीं उसके कर्मचारी और अधिकारी सर्वोच्च प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट में भी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वल्लभगढ़ हरियाणा निवासी किसान करन सिंह शर्मा ने एसडीएम सदर को शपथपत्र के साथ लिखित शिकायत सौंपकर आरोप लगाया कि गांव अटौला में उनकी कृषि भूमि है। जिसका गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है।
यह लगा है आरोप
आरोप है कि अजराड़ा गांव के लेखपाल हितेश ने उनकी पत्नी और अन्य खातेदार किसानों से भूमि की पैमाइश के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की। इसके साथ ही गांव शाफियाबाद लौटी में स्थित जमीन में शिकायतकर्ता के भाई से समझौता कराने के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की। यह शिकायत साबित कर रही है कि गंगा एक्सप्रेस-वे की जमीन खरीद में जो देरी हो रही है उसका कारण लेखपाल व अन्य कर्मियों की मनमानी के कारण हो रही है। लिखित शिकायत मिलने पर अफसरों ने आरोपों को गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम संदीप भागिया ने उक्त लेखपाल को तत्काल निलंबित कर दिया। एसडीएम ने अपने आदेश में लिखा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के काम को लेकर उक्त लेखपाल की तमाम प्रमुख लोगों द्वारा मौखिक शिकायतें भी की गई हैं। तहसीलदार न्यायिक को इसकी जांच सौंपी गई है।
इनका कहना है
लेखपाल पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। लिखित शिकायत शपथपत्र के साथ दी गई है। लेखपाल को निलंबित करके जांच शुरू करा दी गई है।
- संदीप भागिया, एसडीएम सदर तहसील।