Lockdown violation in Meerut: यह हाल तो कैसेे रुकेगा संक्रमण, 94 बैरियरों पर रोक नहीं रही पुलिस
कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए जिला प्रशासन सप्ताह में 2 दिन पूर्ण लॉक डाउन करता है लेकिन शहर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां यह पूर्ण लॉक डाउन अब मजाक बनकर रह गया है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए जिला प्रशासन सप्ताह में 2 दिन पूर्ण लॉक डाउन करता है लेकिन शहर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां यह पूर्ण लॉक डाउन अब मजाक बनकर रह गया है। जहां पूरे शहर में 94 पुलिस बैरियर होने के बावजूद वाहनों के मेले को नहीं रोका जा पा रहा है वहीं शहर के दर्जनों इलाके ऐसे हैं जहां पर लॉकडाउन और पूर्ण लॉकडाउन का कोई औचित्य ही नहीं रह गया है। इन स्थानों पर पुलिस और प्रशासन भी नदारद दिखाई देते हैं इन हालात में को रोना संक्रमण को रोक पाना मुश्किल लगता है।
कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने सप्ताह में 2 दिन पूर्ण लॉक डाउन की व्यवस्था कर रखी है। गुरुवार को भी लॉक डाउन था। प्रशासन के आदेश के मुताबिक पूर्ण लॉक डाउन के दौरान जहां जनता का घरों से निकलना प्रतिबंधित था वही किसी भी बाजार और दुकान को खोलने की अनुमति नहीं थी। केवल दवा और दूध की दुकान नहीं खोली जा सकती थी। सड़क पर निकलने वाले वाहनों का चालान और ऐसे लोगों के खिलाफ लॉक डाउन के उल्लंघन की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की घोषणा की गई थी। शहर के अधिकांश हिस्सों में जहां बाजार बंद रहे और पूर्ण लॉक डाउन का पालन जनता ने किया। लेकिन इन स्थानों पर भी पुलिस सड़कों पर घूमते बेतहाशा वाहनों को नियंत्रित नहीं कर पाई।
इसी बीच शहर के कुछ इलाके ऐसे भी थे जहां सामान्य लॉक डाउन के नियमों का पालन भी होता दिखाई नहीं दिया। लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के भूमिया का पुल, कांच का पुल, लखी पुरा, इस्लामाबाद श्याम नगर तारापुरी समेत तमाम इलाके ऐसे रहे जहां सामान्य दिनों से भी ज्यादा वाहन सड़कों पर दौड़ते रहे। शारीरिक दूरी और लॉक डाउन के सभी नियम यहां तार-तार होते दिखाई थी। इन्हें रोकने और टोकने वाला भी यहां दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दिया। इन हालात में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर पाना मुश्किल लगता है। लोगों का कहना है कि इससे अच्छा तो लॉकडाउन और पूर्ण लॉकडाउन की व्यवस्था को प्रशासन खत्म ही कर दे।