Move to Jagran APP

मेरठी किसानों के लिए वरदान बना एफपीओ

एफपीओ यानी फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संगठन) से किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 10:27 PM (IST)
मेरठी किसानों के लिए वरदान बना एफपीओ
मेरठी किसानों के लिए वरदान बना एफपीओ

मेरठ, जेएनएन। एफपीओ यानी फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन (किसान उत्पादक संगठन) से किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है। एफपीओ के माध्यम से किसानों ने उचित दाम और फसल की लागत कम करने में सफलता पाई है। ऐसे में लावड़ में सब्जी के एफपीओ से 375 किसान जुड़ चुके हैं। इससे उन्हें अच्छी दरों पर सब्जियों के दाम मिलते हैं। इसके साथ ही यूरिया, खाद, बीज व दवा भी बाजार में उचित दरों पर मिल रही है।

loksabha election banner

लावड़ आते हैं जिलेभर के किसान

सब्जी संबंधी एफपीओ यानी फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन लावड़ सब्जी प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविद सैनी ने बताया कि उनके समूह में 375 किसान जुड़े गए हैं, जो सभी विभिन्न सब्जियों के उत्पादक हैं। इसमें आलू, टमाटर, फूल गोभी, हरी शिमला मिर्च, धनिया, लौकी, तुरई, भिडी, हरी मिर्च आदि के उत्पादक किसान हैं। इसमें लावड़ के अलावा महल, समसपुर, चिदौड़ी, अंदावली व मीठेपुर आदि से सब्जी उत्पादक किसान लावड़ सब्जी मंडी में पहुंच अपनी फसल बेचते हैं। अरविद सैनी ने बताया कि एफपीओ से जुड़े किसानों को फसलों की कृषि तकनीकी जानकारी भी दी जाती है।

क्या होता है एफपीओ

एफपीओ यानि फार्मर प्रोडयूसर आर्गेनाइजेशन। किसानों का एक समूह कृषक उत्पादक संगठन, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो। एफपीओ लघु व सीमांत किसानों का एक ऐसा समूह है। जिसमें उससे जुड़े किसानों को न केवल अपने उत्पादन का बाजार मिलेगा। साथ ही खाद, बीज, दवा व कृषि उपकरणों आदि को खरीदना भी सुगम होगा। सरकारी दरों पर मिलने वाला खाद, बीज और उर्वरक उचित दरों पर बिना बिचौलियों के उपलब्ध हो सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.