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शरिया कोर्ट की तर्ज पर हिंदू न्यायपीठ का गठन, हिंदू महासभा की पूजा मुख्य न्यायाधीश

कमेटी के संरक्षक मंडल में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली के चंद्र प्रकाश कौशिक, मेरठ के उपाध्यक्ष पं. अशोक शर्मा और महामंत्री मुन्ना कुमार शर्मा शामिल किए गए हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 16 Aug 2018 01:38 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 10:09 AM (IST)
शरिया कोर्ट की तर्ज पर हिंदू न्यायपीठ का गठन, हिंदू महासभा की पूजा मुख्य न्यायाधीश
शरिया कोर्ट की तर्ज पर हिंदू न्यायपीठ का गठन, हिंदू महासभा की पूजा मुख्य न्यायाधीश

मेरठ (जेएनएन)। मुस्लिम समुदाय की न्याय व्यवस्था की तर्ज पर हिंदुओं के लिए अखिल भारत हिंदू महासभा ने 15 अगस्त को हिंदू न्यायपीठ के गठन की घोषणा की। मेरठ कार्यालय में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा तले महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पं. अशोक शर्मा ने घोषणा की कि हिंदू न्यायपीठ की मुख्य न्यायाधीश अलीगढ़ की पूजा शकुन पांडेय होंगी।
हिंदू न्यायपीठ के लिए नियम-उपनियम दो अक्टूबर तक तैयार कर लिए जाएंगे और फिर यह न्यायपीठ काम करना शुरू कर देगी। न्यायपीठ का मुख्यालय अलीगढ़ होगा। बताया कि 15 नवंबर को नाथूराम गोडसे के बलिदान दिवस के मौके पर इन अदालतों का दायरा सात जिलों तक फैल जाएगा। इनमें मेरठ व अलीगढ़ के साथ ही आगरा, मथुरा, हाथरस, फीरोजाबाद और शिकोहाबाद भी शामिल किए जाएंगे।

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नियम-उपनियम के लिए गठित कमेटी के संरक्षक मंडल में हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली के चंद्र प्रकाश कौशिक, मेरठ के उपाध्यक्ष पं. अशोक शर्मा और महामंत्री मुन्ना कुमार शर्मा शामिल किए गए हैं। मुन्ना कुमार भी दिल्ली के हैं। देश के संविधान और अदालतों के समानांतर एक नई न्याय व्यवस्था शुरू किए जाने के सवाल पर पं. अशोक शर्मा ने कहा कि हमने इस हिंदू न्यायपीठ के गठन से पहले केंद्र सरकार से अपील की थी कि देश में चल रही शरिया अदालतों पर रोक लगाएं, उन्हें बंद करें। जब केंद्र सरकार ने हमारी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया तो हम इसके गठन के लिए बाध्य हुए हैं।

मेरठ से क्रांति भड़की, इसलिए वहां से हिंदू न्यायपीठ : पूजा
हिंदू न्याय पीठ की पहली जज व अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ. पूजा शकुन पांडेय कहती हैं कि मेरठ क्रांतिधरा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्र्राम की चिन्गारी यहीं फूटी, इसलिए हिंदुओं के साथ न्याय का यहीं से बीड़ा उठाया है। देश में दो साल के अंदर 600 पीठ खोलेंगे। पूजा ने 'दैनिक जागरण के साथ पूरी योजना साझा की। जब उनसे पूछा गया कि शरिया कोर्ट की तर्ज पर हिंदू न्यायपीठ की जरूरत क्यों पड़ी?

उन्होंने बताया सिस्टम और कानून व्यवस्था ने मजबूर किया। एससी-एसटी एक्ट उलट दिया गया। अब झूठा केस भी लग जाए तो संभ्रांत व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। पीएम इतने ही बलशाली हैं तो राममंदिर के लिए अध्यादेश लाएं। धारा 370 हटाएं। शरिया कोर्ट नहीं हटा पा रहे। उन्होंने कहा कि हिंदू न्यायपीठ का मकसद हिंदुओं की समस्याएं सुलझाना है।

शिक्षक से महंत.. और अब जज
हिसार (हरियाणा) में जन्मी डॉ. पूजा ने सहारनपुर से पढ़ाई पूरी की। गणित व कंप्यूटर साइंस में एमएससी व गणित से पीएचडी हैं। कुछ समय गाजियाबाद के एक इंस्टीट्यूट में शिक्षक रहीं। हिंदू महासभा की 2014 से राष्ट्रीय सचिव हैं। 2017 में द्वारिका के स्वामी कृष्णदेवानंद गिरी के जूना अखाड़ा से महंत चुनी गईं। हाथरस के सिकंदराराऊ में श्रीराम भवन की नींव रखकर सुर्खियों में आईं। वर्तमान में अलीगढ़ शहर के बी दास कंपाउंड निवासी। उनके पति अशोक पांडेय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। 


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