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Coronavirus: कोरोना संक्रमित युवक की मौत को चार दिन तक छिपाए रखा, वीडियो वारयल पर डीएम ने बैठाई जांच Meerut News

दिल्ली में हुई युवक की मौत पर उसके परिजनों व शहर विधायक ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल पर चार दिन तक युवक की मौत छिपाए रखने का गंभीर आरोप लगाया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 11:30 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना संक्रमित युवक की मौत को चार दिन तक छिपाए रखा, वीडियो वारयल पर डीएम ने बैठाई जांच Meerut News
Coronavirus: कोरोना संक्रमित युवक की मौत को चार दिन तक छिपाए रखा, वीडियो वारयल पर डीएम ने बैठाई जांच Meerut News

मेरठ,जेएनएन। कोरोना से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव दो और मरीजों की मौत हो गई। इससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 17 हो गया है। एक मौत मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुई है तो दूसरी दिल्ली में। दिल्ली में हुई अहमदनगर के युवक की मौत पर उसके परिजनों व शहर विधायक रफीक अंसारी ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल पर चार दिन तक युवक की मौत छिपाए रखने का गंभीर आरोप लगाया है।

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एमएलए के कहने पर शिफ्ट किया था दिल्‍ली

अहमदनगर गली नंबर-15 के रहने वाले 22 वर्षीय युवक इमरान के दिमाग में ट्यूमर जैसी समस्या थी। उसे 30 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। कोरोना जांच का सैंपल लिया गया था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन ब्रेन ट्यूमर का यहां पर इलाज न हो पाने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया था। लेकिन इमरान को दिल्ली के किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। शहर विधायक रफीक अंसारी ने मेरठ के अधिकारियों और शासन स्तर पर बात की। तब जाकर इमरान को दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे बचाया नहीं जा सका। इमरान की मौत पर गुरुवार को वीडियो वायरल कर शहर विधायक ने पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उधर डीएम ने इस मामले में एसडीएम सदर को जांच सौपी है।

65 वर्षीय देवेंद्र ने दम तोड़ा

वहीं, गुरुवार सुबह लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती ईश्वरपुरी मोहल्ला निवासी 65 वर्षीय देवेंद्र ने दम तोड़ दिया। उसे 11 मई को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर भर्ती किया गया था। उसे निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन लेकर पहुंचे थे। मरीज की मौत की पुष्टि जिला सर्विलांस अधिकारी डा. विश्वास चौधरी ने की। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार स्वजनों की मौजूदगी में किया गया। बेटे ने मुखाग्नि दी।

डाक्टरों की लापरवाही ने ली पिता की जान

उधर ईश्वरपुरी के मृतक देवेंद्र के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। मृतक के बेटे ने कहा कि उनके पिता की तबियत नौ मई को खराब हुई थी। वह पिता को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। इमरजेंसी में दिखाने के बाद डॉक्टरों ने कोरोना वार्ड के लिए रेफर कर दिया था। उसी दिन शाम पांच बजे यह कहकर कोरोना वार्ड से वापस कर दिया गया था कि यहां पर जगह नहीं हैं। फिर दो दिन इमरजेंसी में ही रहे। इसी बीच कोरोना जांच का सेंपल लिया गया। रिपोर्ट 11 मई को पॉजिटिव आई। इसके बाद दोबारा कोविड वार्ड में भर्ती किया गया।

इलाज में लापरवाही

बेटे ने बताया कि पिता को छोड़कर वे लौट तो आये थे लेकिन वार्ड की व्यवस्था को लेकर मन मे संशय था। उन्होने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही की वजह से उनके पिता की मौत हुई है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों के सैंपल भी 14 मई दोपहर तक कोरोना जांच के लिए नहीं लिए। केवल होम क्वारंटीन कर दिया जबकि कई बार सैंपल लेने का अनुरोध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से करते रहे।

शहर विधायक का आरोप

अहमद नगर के इमरान की मौत से गुस्साए शहर विधायक रफीक अंसारी ने वीडियो वायरल कर पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इमरान की मौत 10 मई को हो गई थी, लेकिन दिल्ली के अस्पताल ने परिजनों को कोई सूचना नहीं दी। न ही मेरठ सीएमओ और जिला सर्विलांस विभाग ने मरीज की कोई जानकारी ली। 14 मई को परिजन जैसे-तैसे अपने बेटे से मिलने दिल्ली पहुंचे तब जयप्रकाश अस्पताल के पास के थाने से पता चला कि इमरान की मौत हो चुकी है।


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