चुनावी मुनाफे के लिए भाजपा ने दिया सियासी अभयदान
एसटी-एक्ट को लेकर हुई हिंसा में जिन पर कार्रवाई होनी थी, उन्हें प्रदेश भाजपा सरकार की ओर से चुनावी अभयदान दिया जा चुका है।
मेरठ (जेएनएन)। लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा की सियासी डगर कठिन बनी हुई है। एससी-एसटी एक्ट के बवाल के बाद बैकफुट पर खड़ी भाजपा अब इन्हें साधने के लिए कानून की धाराओं का सहारा लेगी। असल में एसटी-एक्ट को लेकर हुई हिंसा में जिन पर कार्रवाई होनी थी, उन्हें चुनावी अभयदान दिया जा चुका है।
सियासत गरम
एससी-एसटी एक्ट को लेकर दो अप्रैल को भड़की हिंसा में फंसे युवकों की समीक्षा पूर्व डीजीपी बृजलाल ने भी की। इधर, प्रशासन ने प्रथम दृष्टि में दोषी पाए गए करीब सौ युवकों को अभयदान दे दिया। पश्चिमी उप्र की सियासत लोकसभा चुनावों से पहले गरम है। भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई से बसपा में खलबली है, जबकि महागठबंधन के लिए विरोधी दलों से कुंडली मिल नहीं पा रही।
अनुसूचित वर्ग को साधने का प्रयास
उधर, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा ओबीसी वोटों पर भले ही फोकस कर रही है, किंतु अनुसूचित वर्ग अगर पाले से हटा तो नाव फंस सकती है। भाजपा अनूसूचित वर्ग की करीब 23 फीसद आबादी में से दस फीसद को साधने की रणनीति के साथ बढ़ रही है। इस कड़ी में वाल्मीकि, सैनी, खटीक समेत तमाम जातियों को बड़े ओहदे दिए जा सकते हैं। उधर, रावण इफेक्ट एवं एक्ट से उबाल की काट में भाजपा ने जहां आगरा की देवी रानी मौर्य को राज्यपाल बना दिया, वहीं कांता कर्दम को राज्यसभा भेजने के साथ ही सहारनपुर का प्रभारी भी नियुक्त किया है। युवा मोर्चे में बुलंदशहर के अखिल जाटव व बरेली से जवाहर जाटव को प्रदेश इकाई में भेजकर इस वर्ग को साधने का प्रयास किया है।
एससी-एसटी का उत्पीड़न नहीं होगा बर्दाश्त : ब्रजलाल
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष ब्रजलाल ने सोमवार को सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की। अध्यक्ष ने एससी-एसटी के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पात्र तक पहुंचने और पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए निर्देशित किया। साथ ही एससी-एसटी अत्याचार निवारण नियमावली में किए गए संशोधन का लाभ तत्काल उपलब्ध कराने के लिए भी कहा।
तमाम योजनाएं चलाईं
ब्रजलाल ने कहा कि एससी-एसटी के लिए सरकार ने तमाम योजनाएं चलाई हुई हैं। साथ ही इन्हें सुरक्षा और सम्मान दिलाने और शोषण से बचाने के लिए सरकार काफी सख्त है। ऐसे में सभी अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने उत्पीड़न होने पर पीड़ित परिवार को 8.25 लाख तक की मदद उपलब्ध कराती है। ऐसे में जिला प्रशासन भी प्राथमिकता से पीड़ित परिवार तक मदद पहुंचाए। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि एससी-एसटी का उत्पीड़न किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।
कोरी जाति के प्रमाण पत्र बनाएं
उन्होंने कोरी जाति के लोगों के प्रमाण पत्र बिना किसी देरी के उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया। बैठक में मौजूद एडीजी प्रशांत कुमार और मंडलायुक्त अनीता सी मेश्रम ने सरकार की सभी योजनाओं का लाभ पीड़ित परिवार तक पहुंचाने और उत्पीड़न पर सख्त कार्रवाई करने के लिए अध्यक्ष को आश्वस्त किया। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अखिलेश कुमार, एडीएम सिटी मुकेश चंद्र, नगर मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार, एसडीएम मवाना अंकुर श्रीवास्तव, सरधना अमित भरतीय, तहसीलदार संतोष सिंह आदि मौजूद रहे।