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मेरठ बताएगा फुटबॉल फीफा लायक है या नहीं, ये है वजह

मेरठ में देश की पहली स्पोर्ट्स लैब बनने के लिए जर्मनी व यूके से टाईअप हो गया है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 05:35 PM (IST)
मेरठ बताएगा फुटबॉल फीफा लायक है या नहीं, ये है वजह
मेरठ बताएगा फुटबॉल फीफा लायक है या नहीं, ये है वजह

मेरठ (संतोष शुक्ल)। खेलकूद उत्पाद के कारोबार में दुनियाभर में बेजोड़ मेरठ में देश की पहली स्पोर्ट्स लैब बनने जा रही है। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स स्थित प्रोसेस कम प्रोडक्ट डेवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) में फीफा सर्टिफाइड लैब बनाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रलय (एमएसएमई) एवं प्रदेश सरकार को 10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इस लैब में फीफा की गुणवत्ता वाले फुटबॉल तैयार किए जाएंगे। इसके लिए जर्मनी एवं यूनाइटेड किंगडम के शीर्ष लैब से अनुबंध किया जाएगा।

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नौ स्तरों पर फुटबॉल की जांच

मेरठ स्थित पीपीडीसी में जहां चमड़ा, प्लास्टिक, कपड़ा एवं जूता जैसे सामानों की गुणवत्ता परखी जाती है, वहीं नई मशीनों से क्रिकेट गेंद, फुटबाल, एथलेटिक्स एवं अन्य उत्पादों की तकनीक को भी धार देने की तैयारी है। एमएसएमई मंत्रलय के अंतर्गत संचालित इस केंद्र ने केंद्र एवं राज्य सरकार के पास फीफा सर्टिफाइड लैब बनाने की योजना भेजी है। स्पोर्ट्स लैब पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च आएगा। प्रथम चरण में लैब में फीफा स्टैंडर्ड फुटबाल बनाने के लिए नौ प्रकार के मानकों का पालन होगा। जर्मनी एवं इंग्लैंड के लैबों से संबद्ध होने के साथ ही इस केंद्र में वल्र्ड कप के लिए बनने वाले फुटबालों की भी जांच होगी। इसमें रबड़ की ताकत, ब्लैडर की गुणवत्ता, वजन, बॉल के पानी सोखने की क्षमता, प्रेशर, आकार और मैटीरियल का विश्लेषण समेत नौ प्रकार के टेस्ट शामिल हैं। आउटडोर एवं इन्डोर परिस्थितियों में फुटबाल पर पड़ने वाले असर के मद्देनजर पहली बार समुद्री बीच पर इस्तेमाल होने वाली बॉल की भी डिजाइनिंग होगी। पाकिस्तान समेत चुनिंदा देशों में ही वल्र्ड कप की गुणवत्ता के फुटबाल बनते हैं।

हेलमेट के लिए भी लैब

दो साल पहले हेलमेट में चोट लगने से आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर की मौत हो गई थी। इसके बाद दुनियाभर में हेलमेट की गुणवत्ता पर सवाल भी उठे। मेरठ में आधा दर्जन क्रिकेट उत्पाद बनाने वाली इकाइयां विश्वस्तरीय हेलमेट बनाती हैं। शोध केंद्र में नई तकनीक के हेलमेट बनाने पर भी काम होगा।

इन्‍होंने कहा...

फीफा के मानकों पर बनाए गए फुटबालों की गुणवत्ता परखी जाएगी। एमएसएमई मंत्रलय एवं प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। जर्मनी एवं यूके की विभिन्न लैब से टाईअप किया जाएगा। लैब में दुनियाभर के फुटबालों की जांच की जाएगी।

सुनील गुप्ता, निदेशक, पीपीडीसी 


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