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सरकारी जमीन पर कब्‍जा करने पर मोहन गैस एजेंसी समेत पांच बेदखल, 1.19 करोड़ जुर्माना Meerut News

नलकूप विभाग की सरकारी नाली की जमीन पर कब्जा करके पक्‍के भवन बनाने के मामले में सोमवार को एसीएम ने पांच मामलों में फैसला सुनाते हुए सभी को सरकारी जमीन से बेदखल कर दिया।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 12:14 PM (IST)
सरकारी जमीन पर कब्‍जा करने पर मोहन गैस एजेंसी समेत पांच बेदखल, 1.19 करोड़ जुर्माना Meerut News
सरकारी जमीन पर कब्‍जा करने पर मोहन गैस एजेंसी समेत पांच बेदखल, 1.19 करोड़ जुर्माना Meerut News

मेरठ, जेएनएन। नलकूप विभाग की सरकारी नाली की जमीन पर कब्जा करके शहर भर में दस स्थानों पर पक्के भवनों के निर्माण कर लिये गये हैं। नलकूप विभाग द्वारा 14 वर्ष पूर्व वर्ष 2005 में पीपी एक्ट के तहत उक्त सभी दस मुकदमे एसीएम सिविल लाइन के न्यायालय में दर्ज कराये गये थे। सुनवाई के बाद सोमवार को एसीएम ने पांच मामलों में फैसला सुनाते हुए सभी को सरकारी जमीन से बेदखल कर दिया। साथ ही अप्रैल 1988 से कब्जा मानते हुए साढ़े 21 वर्ष की अवधि की क्षतिपूर्ति के रूप में भरकम जुर्माना भी लगाया गया है। पांचों पर यह राशि 1.19 करोड़ है। जिसे जमीन खाली करने के साथ साथ उक्त लोगों को तीस दिन के भीतर जमा कराना होगा।

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नालियों पर कर लिया कब्‍जा

अपर नगर मजिस्ट्रेट सिविल लाइन चंद्रेश कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व में शहर का फैलाव कम था। तमाम स्थानों पर नलकूप विभाग की सरकारी नलकूप की नालियां थीं। जिनसे सिंचाई की जाती थी। शहर फैला तो इन नालियों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया। शहर में दस स्थानों पर कब्जे की शिकायतें नलकूप विभाग ने वर्ष 2005 में पीपी एक्ट के तहत की थी। इन सभी मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया धीमी गति से चल रही थी। इसमें तेजी लाते हुए सोमवार को पांच मामलों में फैसला सुना दिया गया। उन्होंने बताया कि पांचों मामलों में सरकारी नाली की जमीन पर कब्जा साबित हुआ। लिहाजा सभी को जमीन से बेदखल कर दिया गया।

पांच फीसद की दर पर क्षतिपूर्ति तय

साथ ही लोक परिसर नियमावली 1971 के नियम 8 (क)और ग के अनुसार 1 अप्रैल 1988 से आदेश की तिथि तक कुल 21 वर्ष 6 महीने की अवधि के लिए डीएम सर्किल रेट से भूमि के मूल्याकंन का 5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर पर क्षतिपूर्ति की राशि तय की गई है। जिसे भूमि से कब्जा हटाने के साथ साथ उक्त लोगों को 30 दिन के भीतर जमा कराना होगा। इस राशि पर आदेश की तिथि से 9 फीसदी का ब्याज भी देना होगा। पैसा जमा न होने पर इसकी वसूली तहसील के माध्यम से वसूली पत्र की भांति कराई जाएगी।

ये हुए बेदखल

1. संतराम वर्मा पुलिस सब इंस्पेक्टर पुत्र ओमप्रकाश, मोहल्ला राजीव पुरम निकट तक्षशिला कालोनी गढ रोड

क्षतिपूर्ति राशि 5,29,575 रुपये

2. अशोक गर्ग पुत्र हजारी लाल 18/3 बलवंत नगर जेल चुंगी क्षतिपूर्ति राशि 49,66,500 रुपये

3. राजकुमार तनेजा पुत्र श्यामदास बी 53 सम्राट पैलेस निकट लोकप्रिय अस्पताल क्षतिपूर्ति राशि 29,24,000 रुपये

4. मोहनलाल गैस एजेंसी, मारफत देवेंद्र मोहन निवासी, 25 कल्याण नगर निकट बीएसए कार्यालय क्षतिपूर्ति राशि 30,15,375 रुपये

5. जितेंद्र कुमार और मनोज कुमार पुत्रगण स्व. सतपाल, 503/6 गंगानगर क्षतिपूर्ति राशि 4,56,875 रुपये 


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