लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी करने वाले पांच गिरफ्तार
परतापुर में लकी ड्रॉ कूपन के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने राजफाश किया है। पांच नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एक आरोपित फरार है। एसपी सिटी ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी।
मेरठ, जेएनएन : परतापुर में लकी ड्रॉ कूपन के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने राजफाश किया है। पांच नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एक आरोपित फरार है। एसपी सिटी ने पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर यह जानकारी दी।
एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि परतापुर में कृष्णा ग्रुप इंटरप्राइजेज के नाम से संस्था संचालित थी। इसका पंजीकरण भी नहीं है। संस्था लकी ड्रॉ कूपन के नाम पर एक हजार रुपये 15 माह तक करीब पांच सौ ग्राहकों से जमा कराती थी। प्रत्येक माह 15-20 लोगों का ड्रॉ निकालते थे। 51 सौ कूपन बॉक्स में डालते थे। कूपन ज्यादा और ग्राहक कम होते थे। एक-दो लोगों को ड्रॉ मिलता था। इनकी 15 माह की किस्त जमा होती थी, उनको इनाम के नाम पर एक एलईडी देते थे। इसकी कीमत पांच हजार होती थी। उसमें भी प्रति व्यक्ति 11 हजार रुपये बचाते थे। रविवार को परतापुर के आंबेडकर हाईस्कूल में लकी ड्रॉ के नाम पर भीड़ जमा हो गई। मगर संस्था के लोग नहीं गए। भीड़ ने हंगामा कर दिया। अच्छरौंडा गांव निवासी सोनू कुमार व गांवडी गांव निवासी सुरभि नेहरा की तहरीर पर पुलिस ने छह आरोपितों पर केस दर्ज किया। सोमवार सुबह सभी आरोपितों को इंस्पेक्टर परतापुर आनंद मिश्रा ने आरोपित परतापुर क्षेत्र का गांव इटायरा निवासी बबलू और पवन, रिठानी निवासी रवि, अंकित और पंकज को उनके मकान से गिरफ्तार किया। नूरनगर लिसाड़ी गेट निवासी संजय फरार है। पुलिस की लापरवाही से हो सकती थी युवती की हत्या
मेरठ : सोमवार को कचहरी में जो हुआ, वह खतरनाक मंसूबों की ओर इशारा है। पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई। प्रेम प्रसंग मामले में दारोगा दो तरफा गेम खेल रहा था। दारोगा ने पहले कचहरी में युवती को साथ लेकर चुपके से बयान कराने का भरोसा देकर युवक के परिजनों को बुलाया। उसके बाद युवती के परिजनों को भी कॉल कर दी। युवती के परिजन कचहरी पहुंचे और उसे साथ ले जाने लगे। युवती के इन्कार करने पर उसकी हत्या करने की कोशिश की। तब मामले ने दूसरा रूप ले लिया।
परिजनों ने लगाया वसूली का आरोप : दारोगा शैलेंद्र सिंह की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। युवती के परिवार का आरोप है कि दारोगा ने युवती को बरामद कराने के लिए उनसे रकम वसूली थी। दारोगा ने फोन पर बताया था कि युवती को युवक पक्ष कचहरी में लेकर आ रहे हैं। वहीं से लेकर चले जाना। इसके लिए दारोगा को रकम भी दी गई थी। मामला उस समय बिगड़ा, जब युवती ने परिवार के साथ जाने से इन्कार कर शोर मचा दिया। तभी परिवार के लोगों ने चुन्नी से लगा दबाने का प्रयास किया।
बचाव में नही आया दूसरा दरोगा: अनिल जंगाला
कचहरी में सोमवार को जब दरोगा शैलेन्द्र के साथ पीड़िता के परिजन हाथापाई कर रहे थे, तभी पास खड़ा दूसरा दरोगा देख रहा था। अधिवक्ता अनिल जंगाला ने बताया कि उसने दरोगा पंकज को कई बार कहा कि पुलिस पिट रही है और तुम खड़े देख रहे हो। यह घटना वकील के साथ होती तो तब देखते लेकिन दरोगा पर कोई असर नही हुआ। अधिवक्ता बीच में उतरे तब आसपास मौजूद पुलिसकर्मी बीच बचाव को आए।
युवती के परिवार पर दो मुकदमे दर्ज हुए
इंस्पेक्टर सिविल लाइन ने बताया कि पहला मुकदमा युवती की तहरीर पर परिवार के लोगों के खिलाफ दर्ज किया। आरोप लगाया कि परिवार के लोग कचहरी में चुन्नी से गला दबाकर उसकी हत्या करना चाहते थे। दूसरा मुकदमा दारोगा शैलेंद्र की तरफ से दर्ज किया गया। इसमें मारपीट और सरकारी कार्य में बांधा डालने का आरोप लगाया है। पुलिस ने दो मुकदमे दर्ज कर युवती के भाई सन्नी और जीजा शिवा को गिरफ्तार कर लिया है।