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Fitness Mantra Meerut: एक सूर्य नमस्‍कार से होगा शरीर का पूरा व्‍यायाम, जानिए मेरठ के शिक्षक की राय

योग और व्‍यायाम करने के तरीके कई हैं। अपनी क्षमता के अनुसार सभी को करना चाहिए। योग और प्राणायाम में सूर्य नमस्‍कार एक ऐसा अभ्‍यास है जिससे शरीर के सभी अंगों का व्‍यायाम हो जाता है। सूर्य नमस्‍कार करने के और भी अन्‍य शरीर को मिलते हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:00 PM (IST)
Fitness Mantra Meerut: एक सूर्य नमस्‍कार से होगा शरीर का पूरा व्‍यायाम, जानिए मेरठ के शिक्षक की राय
डा. उपदेश शर्मा इस समय पांडवनगर आवास पर रहते हुए नियमित सूर्य नमस्‍कार करते हैं।

विवेक राव, मेरठ। Fitness Mantra Meerut कोविड के काल में लोगों में अपने स्‍वास्‍थ और फिटनेस को लेकर जागरूकता आई है। सुबह और शाम लोग अपने घरों में योग, व्‍यायाम आदि कर रहे हैं। जिससे लोगों में एक सकारात्‍मक बदलाव भी देखने को मिल रहा है। योग और व्‍यायाम करने के तरीके कई हैं। अपनी क्षमता के अनुसार सभी को करना चाहिए। योग और प्राणायाम में सूर्य नमस्‍कार एक ऐसा अभ्‍यास है, जिससे शरीर के सभी अंगों का व्‍यायाम हो जाता है। मान्‍यवार काशीराम राजकीय डिग्री कालेज में फिजिक्‍स के शिक्षक डा. उपदेश शर्मा इस समय पांडवनगर अपने आवास पर रहते हुए नियमित सूर्य नमस्‍कार करते हैं। सूर्य नमस्‍कार सहित अन्‍य अभ्‍यास करने से वह खुद को तनाव के साथ ब्‍लडप्रेशर, शुगर सहित हर तरह की बीमारियों से खुद को बचा पाए हैं।

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सुबह छह बजे छोड़ देते हैं बिस्‍तर

डा. उपदेश सुबह छह से साढ़े छह बजे के बीच बिस्‍तर छोड़ देते हैं। सुबह उठने के बाद दैनिक क्रिया से निपटने के बाद वह 20 मिनट तक हल्‍के एक्‍साइज करते हैं। घर की छत पर पीटी भी करते हैं, इसके बाद सूर्य नमस्‍कार भी करते हैं। सूर्य नमस्‍कार में कुल 12 आसनों को वह करते हैं। जिससे उन्‍हें काफी लाभ पहुंचा है। सप्‍ताह में वह एक दिन शीर्षासन का भी अभ्‍यास करते हैं। शाम के समय विश्‍वविदालय परिसर में बने बैडमिंटन कोर्ट में बैडमिंटन खेलने जाते हैं। जहां करीब एक घंटे पसीना भी बहाते हैं। डा. उपदेश का कहना है कि नियमित अभ्‍यास और सूर्य नमस्‍कार से वह इस कोरोना काल में खुद को बचा पाए हैं। शरीर में पूरे दिन स्‍फूर्ति रहती है।

सूर्य नमस्‍कार ऐसे कीजिए

- सबसे पहले सीधे खड़े होकर गहरा सांस लें। दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में छाती के बीच में लाएं।

- सांस को भरने के बाद दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।

- फिर सांस को बाहर छोड़ते हुए दोनों हाथों को दोनों पैरों के पास लेकर जमीन को छूने का प्रयास करें।

- गहरा सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। पीठ पीछे की ओर झुकाते हुए आसमान की तरफ देखें।

- सांस को बाहर निकालकर दाहिने पैर को पीछे ले जाएं, गर्दन और सिर दोनों हाथों के बीच होना चाहिए।

- हाथ और पैर के पंजों को स्‍थिर रखते हुए सीने और घुटने को जमीन पर स्‍पर्श कराएं।

- सांस को फेफड़े में भरने के बाद सीने को उपर उठाते हुए उपर देखें।

- सांस को बाहर छोड़ते हुए दोनों हाथों और दोनों पैरों के बल झुकते हुए अभ्‍यास करें।

- सांस को अंदर भरते हुए दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए सामने की ओर ले जाएं।

- सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, जिसमें सिर घुटने को स्‍पर्श करता रहे।

- सांस को अंदर फेफड़ों में भरते हुए दोनों हाथों को अभिवादन की मुद्रा में रखें।

- आखिर में पीठ को सीधा करे हुए सांस को बाहर छोड़ दें।

यह होगा लाभ

योग गुरु कर्मवीर महाराज के अनुसार सूर्य नमस्‍कार से जोड़ों का दर्द, जुकाम, खांसी, मधुमेह, मोटापा, कब्‍ज, गैस की समस्‍या दूर हो जाती है। शरीर में रक्‍त संचार के लिए भी यह आसन उपयोगी है।


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