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Fitness Mantra In Meerut: अपनी दिनचर्या को अनुशासित बनाइए और फिर फर्क देखिएगा

खुद को फिट रखने के लिए इंडोर से लेकर आउटडोर कोई भी अपने पसंद का खेल आप खेल सकते हैं। सेंट जोंस सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल की प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन को सुबह से शाम जब भी समय मिलता है वह बैडमिंटन जरूर खेलती हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 06:40 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 06:40 AM (IST)
Fitness Mantra In Meerut: अपनी दिनचर्या को अनुशासित बनाइए और फिर फर्क देखिएगा
हम अपनी दिनचर्या को अनुशासित करके फिट रहने की कोशिश कर सकते हैं।

मेरठ, [विवेक राव]। Fitness Mantra जीवन में अनुशासन का बहुत महत्‍व है। यह व्‍यवहार और आहार में भी जरूरी है। दिनचर्या अगर अनुशासित हो गई तो हम अपने जीवन में कई तरह की बीमारियों और तनाव से बच सकते हैं। इस कोरोना के काल में शरीर के साथ मन की शक्‍ति का होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए बस हमें अपने दिन की शुरुआत करते हुए कुछ चीजों को लेकर चलना होगा। वह है सुबह या जब भी समय मिला, उस समय योग और अभ्‍यास के लिए कुछ समय जरूर निकालना होगा। शहर में लोग इसके महत्‍व को भी समझने लगे हैं। तभी भले ही वह पार्क में इस समय नहीं निकल पा रहे हैं, फिर भी अपने घर पर वह अभ्‍यास जरूर कर रहे हैं।

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बैडमिंटन खेलना भी अच्‍छा है

खुद को फिट रखने के लिए इंडोर से लेकर आउटडोर कोई भी अपने पसंद का खेल आप खेल सकते हैं। यह भी शरीर को फिट रखने के लिए अच्‍छा है। सेंट जोंस सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल की प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन को सुबह से शाम जब भी समय मिलता है, वह बैडमिंटन जरूर खेलती हैं। सुबह साढ़े पांच बजे वह बिस्‍तर छोड़ देती हैं। एक गिलास गुनगुना पानी पीने के बाद वह अपने आवास के लान में ही टहलती हैं, टहलते हुए पक्षियों को दाना भी डालती रहती है। इसके बाद वह योगाभ्‍यास करती हैं। सुबह के समय चाहे कितनी भी व्‍यस्‍तता हो वह अनुलोम-विलोम, प्राणायाम जरूर करती हैं। कुछ समय हल्‍का एक्‍साइज भी पार्क में करती हैं। पहले कभी कभार वह योगाभ्‍यास नहीं कर पाती थीं, लेकिन कोविड के दौरान उन्‍होंने अपनी दिनचर्या में योग को शामिल कर लिया है। जो आज तक जारी है।

स्‍वास्‍थ्‍य सबसे जरूरी है

चंद्रलेखा जैन बताती हैं कि बचपन से उन्‍हें बैडमिंटन खेलना पसंद है, बैडमिंटन खेलने से पूरे शरीर का एक्‍साइज हो जाता है। सुबह की एक्‍साइज का कितना लाभ होता है, यह कोविड के समय ने दिखा दिया। इसकी वजह से शारीरिक और मानसिक दोनों ही प्रकार से मैं स्‍वस्‍थ रही। अपने स्‍वास्‍थ्‍य के साथ उन्‍होंने अपने सहकर्मियों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए समय- समय पर वेबिनार भी कराए। शिक्षकों और छात्रों को भी नियमित तौर पर कुछ समय अभ्‍यास करने के लिए प्रेरित किया। वह यह बताती हैं कि दिनचर्या का नियमित होना, सभी के लिए जरूरी है। पौष्‍टिक भोजन और नियमित व्‍यायाम से ही हम स्‍वस्‍थ रह सकते हैं। तभी तो कहा गया है कि स्‍वस्‍थ शरीर में ही स्‍वस्‍थ मस्‍तिष्‍क का निवास होता है।

देर तक सोने का नुकसान

कई लोग सुबह 10 से 11 बजे तक सोए रहते हैं। इसकी वजह से वह सुबह शरीर का कोई अभ्‍यास भी नहीं कर पाते हैं। साथ ही सुबह के नाश्‍ते से भी दूर हो जाते हैं। ऐसी स्‍थिति धीरे- धीरे उन्‍हें कमजोर करने लगती है। जबकि सुबह का नाश्‍ता भी बहुत जरूरी है। चंद्रलेखा जैन कहती हैं कि सुबह के प्राणायाम और एक्‍साइज के साथ सुबह का नाश्‍ता भी जरूरी है। नाश्‍ते में अंकुरित अनाज, फल वह जरूर लेती हैं। 


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