Fitness Mantra In Meerut: बाहर नहीं निकल सकते तो घर में ही योग कर खुद को रखिए फिट
कोरोनाकाल में शहरवासियों की दिनचर्या में काफी बदलाव आया है। बहुत लोग घर पर ही टीवी पर भी योग देखकर अभ्यास कर रहे हैं। इसके लिए कुछ लोग योग प्रशिक्षकों की मदद ले रहे हैं तो कुछ लोग टीवी पर योग और फिटनेस के टिप्स ले रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। Fitness Mantra कोविड के आने के बाद सबसे अधिक लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हुए हैं। बाहर निकलना लोगों ने इस दौर में कम किया, सुबह पार्क में टहलने से भी अभी कुछ लोग बच रहे हैं। बहुत से लोग इस दौरान खुद को योग अभ्यास कर खुद को फिट रख रहे हैं। इसके लिए कुछ लोग योग प्रशिक्षकों की मदद ले रहे हैं तो कुछ लोग टीवी पर योग और फिटनेस के टिप्स ले रहे हैं। इसका उन्हें लाभ भी मिल रहा है।
घर पर ही शुरू किया योग
चौधरी चरण सिंह विवि में गणित के प्रोफेसर शिवराज सिंह कोविड के समय से योग का अभ्यास घर से करना शुरू किया। सुबह आठ बजे से नौ बजे तक टीवी पर योग के कार्यक्रम को देखकर वह योग करते हैं। पिछले सात महीने में सुबह योग उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। इस दौरान उन्होंने चार किलो वजन भी कम किया है। बकौल प्रो. सिंह लाकडाउन के दौरान जब पार्क में घूमना बंद हुआ तो खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत करने के लिए योग से अच्छा कुछ नहीं है।
योग और फिटनेस चैनल
उन्होंने टीवी पर योग और फिटनेस के चैनल को सब्सक्राइब किया। जिसमें बहुत आसानी से स्टेप बताया जाता है। इससे उन्होंने योग की कई क्रियाओं को जाना। सुबह नियमित रूप से योग करता हूं। साथ ही सुबह से शाम तक करीब छह किलोमीटर पैदल भी चलता हूं। इससे काफी लाभ मिला है। वह बताते हैं कि इस समय जब कोविड का संक्रमण और बढ़ रहा है, उसमें अगर हम सुबह बाहर टहलने के लिए नहीं जा सकते हैं तो घर पर भी योग का अभ्यास कर सकते हैं। ठंड में जो लोग नहीं बाहर जाना चाहते वह योग की क्रिया घर पर भी कर सकते हैं।
हर रोज 30 मिनट का अभ्यास भी पर्याप्त है
नियमित योग करने से मानसिक और शारीरिक दोनों तरीके से हम खुद को सही रख सकते हैं। नियमित रूप से 20 से 30 मिनट का योगाभ्यास भी काफी लाभ दे सकता है। योग प्रशिक्षकों की सलाह है कि सुबह उठने के बाद शरीर को थोड़ा वार्मअप जरूर करना चाहिए। इससे शरीर में स्फूर्ति आती है। अगर किसी को समय नहीं मिल पा रहा है तो वह कम से सूर्य नमस्कार करें, 10 बार सूर्य नमस्कार करने से शरीर के हर अंग का एक तरह से व्यायाम हो जाता है। इसके बाद सुखासन, व्रजासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम किया जा सकता है।