पहले धरती को सुरक्षित करें, फिर होगी मंगल यात्रा
आज हमें अपनी धरती को हरा-भरा और सुरक्षित करने की जरूरत है तभी मंगल या अन्य ग्रहों तक पहुंचने की हमारी यात्रा भी मंगल होगी। यह कहना है पर्यावरणविद् पद्मश्री डा. अनिल जोशी का। मेरठ
मेरठ,जेएनएन। आज हमें अपनी धरती को हरा-भरा और सुरक्षित करने की जरूरत है, तभी मंगल या अन्य ग्रहों तक पहुंचने की हमारी यात्रा भी मंगल होगी। यह कहना है पर्यावरणविद् पद्मश्री डा. अनिल जोशी का। वह मंगलवार को ब्लासम्स स्कूल बच्चा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रकृति को सबसे बड़ा विज्ञान बताया। सभी से उससे जुड़ने का आह्वान भी किया।
ब्लासम्स स्कूल और ज्ञानोदय संस्था की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए धरती बचाओ आंदोलन की शुरुआत की गई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. जोशी ने कहा कि पानी को लेकर बड़ा संकट आ रहा है। पानी की किल्लत पूरे देश में है। कुछ समय के बाद लोग दिल्ली से भी भागेंगे। पानी नहीं होगा तो सरकार क्या कर पाएगी। ऐसे में हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह जो कुछ प्रकृति से प्राप्त कर रहा है। उस अनुपात में वापस करने का भी प्रयास करे। यह सब एक पेड़ लगाकर किया जा सकता है। एक पेड़ 20 किलो धुआं पी जाता है। हमने भगवान को नहीं देखा, लेकिन हवा, मिट्टी, जंगल, पानी, नदियां हमारे भगवान हैं। इनकी पूजा और रक्षा होनी चाहिए। ज्ञानोदय के निदेशक अविनाश सिंह ने 2021 तक सवा लाख पेड़ लगाने का संकल्प भी लिया। डा. जोशी ने पर्यावरण को लेकर शपथ भी दिलाई। छात्र-छात्राओं ने 'न काटो मुझे' नाटिका के माध्यम से पेड़ों को बचाने का संदेश दिया। नीर फाउंडेशन के रमन त्यागी, मनोज कुशवाहा, डा. ईश्वर चंद गंभीर, दिनेश तलवार, एनसीसी कैडेट उपस्थित रहे।
दायित्वबोध कराने वाली शिक्षा की जरूरत
डा. जोशी ने कहा कि आज हम केवल रोजगार पाने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। पर्यावरण के हित में शिक्षा में सुधार करने की जरूरत है। अभी वह इस विषय पर मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक से मिले और उनसे दायित्वपरक शिक्षा को जोड़ने के लिए अनुरोध भी किया है।
कोई भी काम छोटा नहीं
इस अवसर पर डा. जोशी ने स्लम एरिया से आए बच्चों को अपने पैरों पर खड़े होने के टिप्स भी दिए। ज्ञानोदय की ओर से इन बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। डा. जोशी ने कई उदाहरणों से बच्चों को बताया कि वह किसी भी काम को छोटा न समझें।
रोज नहाने की जरूरत क्या?
स्कूली बच्चों ने डा. जोशी से पूछा कि वह पर्यावरण की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं, तब उन्होंने कहा कि एक दिन नहीं नहाया तो 25 लीटर पानी बचा सकते हैं। रोज नहाने की जरूरत क्या है।