पहले मां का ‘शर्मनाक खेल’, अब सिस्टम ने भी किया शर्मसार
मेरठ आशा ज्योति केंद्र में एक ही कमरे में रखी गई पीड़िता खिलाड़ी व आरोपित मां। मां ने रातभर उसके साथ गाली-गलौज की। केस वापस नहीं लेने पर उसकी व उसके कोच की हत्या की धमकी दी।
मेरठ, जेएनएन। घर की चाहरदीवारी में मां के ‘शर्मनाक खेल’ का शिकार हुई महिला खिलाड़ी को अब सिस्टम की प्रताड़ना ङोलनी पड़ी। कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान तक के लिए उसे आशा ज्योति केंद्र में रखा गया। हैरतजनक यह कि उसे प्रताड़ित करने वाली मां को भी वहीं भेज दिया गया। इसके चलते उसे रातभर प्रताड़ना ङोलनी पड़ी। पीड़िता की लड़ाई लड़ रही संस्था के पदाधिकारी शनिवार सुबह केंद्र पर पहुंचे। हकीकत पता चलने पर जमकर हंगामा हुआ।
मां बेटी को एक ही कमरे मेें रखा
पीड़ित खिलाड़ी के 161 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसका मेडिकल परीक्षण कराया था। माह के दूसरे शनिवार व रविवार का अवकाश होने के कारण 164 के बयान सोमवार को होने की संभावना के चलते पीड़िता को आशा ज्योति केंद्र भिजवा दिया गया। शुक्रवार देरशाम पीड़िता की मां को भी आशा ज्योति केंद्र में भेज दिया। नतीजा, मां की प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठाने वाली खिलाड़ी को उसी मां के साथ रात गुजारनी पड़ी। दरअसल, दोनों को एक ही कमरे में ठहरा दिया गया था।
रातभर गाली-गलौज, हत्या की धमकी
पीड़िता खिलाड़ी के मुताबिक, मां ने रातभर उसके साथ गाली-गलौज की। केस वापस नहीं लेने पर उसकी व उसके कोच की हत्या की धमकी दी।
रोजे से थी, खाना तक नहीं दिया
पीड़ित खिलाड़ी का कहना है कि गुरुवार को उसने रोजा रखा हुआ था। शाम को लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर नजीर अली खां ने केला-खजूर देकर इफ्तार करा दिया। इसके बाद वह आशा ज्योति केंद्र में आ गई। वहां रातभर खाने को कुछ नहीं दिया गया। शनिवार दोपहर एनजीओ के पदाधिकारी पहुंचे तो खाना मिला।
शर्मनाक है यह संवेदनहीनता
महिलाओं के अल्पावास के लिए बने आशा ज्योति केंद्र में महिलाओं के प्रति संवेदनहीनता शर्मनाक है। आरोपित मां रातभर पीड़िता को प्रताड़ित करती रही लेकिन यहां ड्यूटी पर तैनात महिलाकर्मियों ने सब कुछ सुनकर भी अनसुना कर दिया। अगले दिन दोपहर तक भी उसके खाने की सुध नहीं ली।
फूट-फूटकर रोई, एनजीओ का हंगामा
खिलाड़ी को न्याय दिलाने के लिए आगे आए एनजीओ यथार्थ के सारथी की संचालिका जूही त्यागी, महानगर अध्यक्ष डॉ. मोनिका शर्मा शनिवार दोपहर 12.30 आशा ज्योति केंद्र पर पहुंचीं। उन्हें देखते ही पीड़िता फूट-फूटकर रो पड़ी। उसने आपबीती सुनाई तो हंगामा खड़ा हो गया।
एनजीओ पदाधिकारियों से भी अभद्रता
जूही त्यागी का आरोप है कि केंद्र पर तैनात कर्मचारियों ने उनके साथ भी बदसुलूकी की। पीड़िता को खाना न देने पर उन्होंने कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाई। पीड़ित महिला के साथ इस तरह के सुलूक को शर्मनाक बताते हुए जूही त्यागी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद उन्होंने पीड़िता को खाना खिलाया।
इन्होंने बताया
आशा ज्योति केंद्र में महिलाओं के अल्पावास के लिए एक ही कमरा है, जिसमें छह बेड हैं। इसी के चलते दोनों को एक ही कमरे में रखा गया। पीड़िता के साथ गाली-गलौज होने पर प्रतिक्रिया न करने और उसे खाना न देने की जांच कराई जा रही है। संरक्षण अधिकारी को मौके पर भी भेजा गया है। जांच कर कार्रवाई कराई जाएगी। फिलहाल भविष्य के लिए सख्त दिशा-निर्देश दे दिए हैं।
- शत्रुघ्न कन्नौजिया, जिला प्रोबेशन अधिकारी
आशा ज्योति केंद्र से पुलिस का कोई लेना-देना नहीं है। पीड़िता व उसकी मां को केंद्र में भेजा गया था। दोनों को एक कमरे में क्यों रखा गया, यह बात संबंधित अधिकारी ही बता सकते हैं।
- दिनेश कुमार शुक्ला, सीओ कोतवाली
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