Meerut News: शुगर मिल में लगी आग, जान बचाने को बिल्डिंग से कूदे चीफ इंजीनियर की मौत, देखें तस्वीरें
Fire in Sugar Mill मेरठ के मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल में शनिवार को टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम के पहले फ्लोर पर आग लग गई। वहां 15 कर्मचारी काम कर रहे थे। पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने दो गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल के टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम में भयंकर आग लग गई। वहां काम कर रहे 15 कर्मचारियों को आग की लपटों से बामुश्किल सुरक्षित निकाला गया। चीफ इंजीनियर जान बचाने के लिए 20 फीट ऊंची बिल्डिंग की खिड़की से नीचे कूद गए। उन्हें घायल अवस्था में मोदीनगर स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। दमकल और शुगर मिल की गाड़ियों ने करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह टरबाइन के आयल टैंक के पाइप में लीकेज होना माना जा रहा है।
टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम के पहले फ्लोर में लगी आग
परतापुर के मोहिउद्दीनपुर में शुगर मिल में गन्ना पेराई चल रही है। शनिवार दोपहर डेढ़ बजे शुगर मिल के टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम के प्रथम फ्लोर में आग लग गई। वहां 15 कर्मचारी काम कर रहे थे। परतापुर पुलिस और दमकल विभाग की टीम दो गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंची। आग की लपटों में घिरे कर्मचारियों को अंदर से दमकल और स्टाफ की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया। तभी टरबाइन बंद करने के लिए पैनल कंट्रोल रूम में चीफ इंजीनियर नरेंद्र सिंह कुशवाह घुस गए।
रिटायर होने के बाद संविदा पर कर रहे थे काम
कुशवाह के अंदर जाते ही टरबाइन पैनल कंट्रोल रूम के गेट को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। खुद को आग से बचाने के लिए वह खिड़की से कूद गए। उन्हें मोदीनगर स्थित अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वह रिटायर्ड होने के बाद संविदा पर बतौर चीफ इंजीनियर के पद पर चीनी मिल में काम कर रहे थे।
एसपी सिटी पीयूष सिंह, एडीएम प्रशासन अमित कुमार, सीओ ब्रह्मपुरी ब्रिजेश कुमार, सीओ कोतवाली अमित राय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने चीनी मिल के प्रबंधक शीशपाल से बातचीत की। उसके बाद आग लगने की वजह की जानकारी कर रिपोर्ट तैयार की गई।
टरबाइन से उठने वाली चिंगारी से लगी आग
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि टरबाइन के ऊपर रखे आयल टैंक का पाइप लीक हुआ। टैंक से टरबाइन को ही आयल की सप्लाई दी जाती है। प्रबंधक शीशपाल ने बताया कि यह आयल टरबाइन के बैरिंगों में डाला जाता था। ताकि बैरिंग जल नहीं जाए। टरबाइन आयल भी इतना गर्म हो जाता है, कि उसे ठंडा करना पड़ता है। पाइप लीकेज होने से आयल टपक कर टरबाइन पर गिरने लगा। टरबाइन से उठने वाली चिंगारी से आग लग गई, जब तक वहां काम करने वाले कर्मचारी समझ पाते, तब तक आग ने भयंकर रूप ले लिया।