रैपिड से उतरते ही मिलेगी फीडर बस सेवा
दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर एनसीआरटीसी ने तैयार किया प्लान। सरकार के सहयोग से दिल्ली-मेरठ ट्रैक के स्टेशनों पर चलेगी फीडर बस।
मेरठ (दीपक भारद्वाज)। शहर में ट्रांसपोर्ट सिस्टम वर्ल्ड क्लास हो जाएगा। इसके लिए 2023 तक इंतजार करना पड़ेगा। जहां आप उतरेंगे वहीं से आवागमन का साधन उपलब्ध होगा। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने इसे अपने प्लान में शामिल किया है। मेट्रो फीडर बस की तर्ज पर रैपिड फीडर बस सेवा का भी लाभ शहर की जनता को मिलेगा। इसके लिए दिल्ली से मेरठ तक के रैपिड रेल कॉरिडोर में से स्टेशनों को चयनित किया जाएगा।
दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए दुहाई में सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू होने के साथ दूसरे चरण में मोदीनगर में मिट्टी की जांच भी शुरू हो गई है। स्टेशनों का होगा सर्वे
रैपिड रेल शुरू होने के बाद स्टेशनों का सर्वे कर यात्रियों की संख्या के साथ-साथ यह भी देखा जाएगा कि यहां उतरने वाले यात्री शहर के अंदर जा रहे हैं या बाहर। इसके बाद स्टेशनों पर फीडर बस सेवा की शुरू की जाएगी। वहीं शहर में जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत संचालित सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड से भी संपर्क साधा जाएगा। ऐसे तय हुआ प्लान
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार इस प्लान को दिल्ली, गुरुग्राम और मेरठ में चलने वाली रैपिड को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। दिल्ली में चलने वाली रैपिड के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दिल्ली मेट्रो, गुरुग्राम में चलने वाली रैपिड के लिए मेट्रो, मेरठ में चलने वाली रैपिड के लिए मेरठ मेट्रो और बीच के कुछ स्टेशनों पर जहां मेट्रो का संचालन नहीं होगा वहां फीडर बस सेवा की शुरुआत होगी। यह है फीडर बस सेवा
दिल्ली मेट्रो से उतरते ही आपको चयनित स्टेशनों पर फीडर बस मिल जाती है। इससे आप वहां जा सकते हैं जहां मेट्रो की सुविधा नहीं है। इसका किराया भी अन्य ट्रांसपोर्ट सर्विस की अपेक्षा कम होता है। उदाहरण के लिए शताब्दी नगर स्टेशन पर उतरकर अगर आपको उसके किसी सेक्टर में जाना है तो 25 सीटर फीडर बस मिल जाएगी। इससे पांच से दस रुपये में गंतव्य पर पहुंच जाएंगे। एक नजर में प्रोजेक्ट
कुल किलोमीटर - 82
कुल स्टेशन - 22
रैपिड रेल स्टेशन - 16
मेट्रो स्टेशन - 6 एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुधीर कुमार शर्मा का कहना है कि फीडर बस सेवा का प्लान हमने भी तैयार किया है, लेकिन प्रोजेक्ट बनने के बाद इस पर विचार किया जाएगा। इससे रैपिड से सफर कर रहे लोगों को सुविधा होगी।