मेरठ: बुलडोजर और एनकाउंटर के डर से दूसरे राज्यों में सरेंडर कर रहे यूपी के कुख्यात
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद वेस्ट यूपी के अनेक कुख्यात जेलों से निकलना नहीं चाह रहे हैं। वारदात करने के बाद कुछ बदमाश दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं। इनामी सनी काकरान और अतुल जाट से पहले भी कई दूसरे राज्यों में सरेंडर कर चुके है।
मेरठ, सुशील कुमार। कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर प्रदेश में दोबारा से आई योगी सरकार अपराध को लेकर गंभीर है। यही कारण है कि बदमाशों को एनकाउंटर के साथ बुलडोजर का डर सताने लगा है। एक-एक लाख के इनामी सनी काकरान और अतुल जाट को भी एनकाउंटर और बुलडोजर का खौफ था। इसलिए सोनीपत (हरियाणा) में नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी देकर एनकाउंटर से तो बच गए हैं, पर अभी बुलडोजर से बचना मुश्किल है। पुलिस ने सनी और अतुल पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि इससे पहले भी वेस्ट यूपी के कई बड़े कुख्यात एनकाउंटर के डर से पंजाब, दिल्ली और हरियाणा में नाटकीय ढंग से अपनी गिरफ्तारी दे चुके हैं।
कुख्यात बदमाश जेलों से नहीं चाह रहे निकलना
यूपी में भाजपा सरकार आने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश जेलों से निकलना नहीं चाह रहे हैं, जो एनकाउंटर के डर से जेल जा रहे हैं। वारदात करने के बाद कुछ बदमाश दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं। एक-एक लाख के इनामी सनी काकरान और अतुल जाट से पहले भी कई कुख्यात दूसरे राज्यों में सरेंडर कर चुके है। सनी और अतुल से पहले जनवरी में नोएडा के कुख्यात अनिल दुजाना ने भी दिल्ली में नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी दी थी। अनिल पर नोएडा से 75 हजार का इनाम था। उसके खिलाफ 62 मुकदमे दर्ज है।
अनिल भाटी भी दिल्ली से जेल गया
इसी तरह से अनिल भाटी भी दिल्ली से जेल गया था। पचास हजार के इनामी मोनू जाट को सोनीपत पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें और एसटीएफ लगी हुई थी। मोनू ने एक के बाद एक आधा दर्जन लोगों की हत्या की थी। मोनू के खौफ से लोगों ने खेतों में जाना तक बंद कर दिया था। मुजफ्फरनगर जिले के कुख्यात दस लाख के इनामी अमित भूरा ने भी पंजाब में सरेंडर किया था। अमित भूरा पुलिस कस्टडी से भागा था। उसकी तलाश में एसटीएफ और एटीएस तक को लगाया गया था।
इनका कहना है...
प्रदेश में बदमाश पूरी तरह से खौफजदा है। एक-एक लाख के इनामी सनी और अतुल की हरियाणा में नाटकीय गिरफ्तारी के पीछे भी एनकाउंटर का खौफ था। पुलिस और एसटीएफ की टीम तीनों बदमाशों को पकड़ने के लिए लगी हुई थी। पहले भी यूपी के कई बदमाश अन्य राज्यों से जेल जा चुके है।
-प्रशांत कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था।