मेरठ में बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का भय, स्कूलों में प्रार्थना सभाओं पर रोक
मेरठ में स्वाइन फ्लू का डर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि प्रशासन ने स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं पर रोक लगा दी है। लोगों में प्रतिरोधक क्षमता भी घटती जा रही है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 12:19 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:19 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में स्वाइन फ्लू का डर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों में प्रार्थना सभाओं पर रोक लगाने की गाइडलाइन जारी की है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा.राजकुमार ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत संबंधित स्कूलों को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि स्वाइन फ्लू का रिस्क रहने तक प्रार्थना सभा पर रोक है। इससे एच1एन1 वायरस जल्द एक से दूसरे में पहुंचता है।
ज्यादा देर तक एक स्थान पर न बैठे बच्चे
प्रशासन ने स्कूली बच्चों को ज्यादा देर तक एक स्थान पर बैठने से भी बचने का सुझाव दिया है। इस दौरान स्कूल प्रशासन कक्षा शुरू होने से पहले संदिग्ध बच्चों की जांच करेगा। अगर स्वाइन फ्लू का लक्षण मिला तो ऐसे छात्र को सात दिन का अवकाश देकर घर पर रोका जाएगा। स्कूल प्रबंधन को कहा गया है कि बच्चों के चिकित्सा प्रमाण पत्र न मांगे जांए। साथ ही स्कूल बच्चों को साफ सफाई की भी जानकारी देंगे। सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है,ऐसे में उन्हें विशेष बचाव की जरूरत है।
समाधान को एडी हेल्थ से मिले सपाई
समाजवादी व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एडी हेल्थ से भेंट की और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि अब जब तमाम बीमारियों पर विजय पाई जा रही है तो स्वाइन फ्लू का इस तरह से फैलना सवाल खड़े करता है। मरीजों की मौत हो रही है और सरकार अभी भी खामोश है। प्रदेश सरकार की रणनीति पूरी तरह से फेल रही है। महंगे चिकित्सालयों में जाने को मजबूर मरीजों का इलाज प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही उपलब्ध कराया जाए। सरकार यह स्पष्ट करे कि एएन-1 और एच-1 वैक्सीन स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए प्रभावशाली है या नहीं? सरकारी या निजी चिकित्सालयों में हो रही मृत्यु की जांच कर गुणवत्ता की रिपोर्ट तैयार कराई जाए।
लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी से बढ़ रहा स्वाइन फ्लू
मौसम की आंख मिचौली ने स्वाइन फ्लू को और घातक बना दिया है। माहभर के अंदर कई बार बारिश और ओलों के पड़ने से सांस के मरीज हाई रिस्क जोन में फंस गए हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मरीज मेरठ में सामने आए हैं। सप्ताहभर में चार मरीजों की जान चली गई। उधर,प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट से एच1एन1 वायरस बड़ी तादाद तक पहुंच गया है।
डाक्टर भी नहीं समझ पा रहे
एच1एन1 वायरस गले के रास्ते फेफड़े में संक्रमित होता है। इसके लक्षण साधारण इन्फ्लुएंजा की तरह हैं,किंतु वायरस लोड बढ़ने के साथ गले में तेज दर्द,लगातार खांसी व बुखार उभरता है। इन लक्षणों के साथ सांस फूलने पर सावधान होने की जरूरत है। ब्लडप्रेशर में गिरावट खतरनाक संकेत है। चिकित्सक समझ नहीं पा रहे हैं कि समान स्ट्रेन-मिशीगन होने के बावजूद वायरस इतनी बड़ी आबादी में कैसे संक्रमित हो रहा है।
शारीरिक व्यायाम में कमी,फास्टफूड और बहुत कुछ
मेडिकल कालेज की भी रिपोर्ट बताती है कि शारीरिक व्यायाम में कमी,फास्टफूड व ज्यादा नमक के सेवन,एलर्जी की बीमारी,स्टेरायड समेत अंग्रेजी दवाओं के ज्यादा सेवन एवं लगातार बीमारियों में घिरे रहने से व्यक्ति में रोगों से लड़ने की क्षमता घटी है। हरी सब्जियों,फलों,दूध,दही एवं घी के सेवन में कमी से भी प्रतिरोधक क्षमता गिरी। मानसिक तनाव, शुगर,बीपी एवं विटामिन डी की कमी से भी बीमारियां जल्द पकड़ लेती हैं।
इनका कहना है
मेरठ में बेशक मरीज ज्यादा हैं। दो वर्ष पहले भी यहां लखनऊ के बाद सर्वाधिक मरीज मिले थे। 25 हजार से ज्यादा टेमी फ्लू की टेबलेट उपलब्ध है। टीम ई-रिक्शा के साथ ही स्कूलों में पहुंचकर स्वाइन फ्लू के प्रति सतर्क कर रही है।
- डा. राजकुमार,सीएमओ
दो दशक में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में बड़ी गिरावट आई है। इससे लोग वायरल,बैक्टीरियल व फंगल संक्रमण की चपेट में जल्द आ रहे हैं। बदलते मौसम में स्वाइन फ्लू अस्थमा व हार्ट के मरीजों के लिए ज्यादा घातक है।
- डा.वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
ज्यादा देर तक एक स्थान पर न बैठे बच्चे
प्रशासन ने स्कूली बच्चों को ज्यादा देर तक एक स्थान पर बैठने से भी बचने का सुझाव दिया है। इस दौरान स्कूल प्रशासन कक्षा शुरू होने से पहले संदिग्ध बच्चों की जांच करेगा। अगर स्वाइन फ्लू का लक्षण मिला तो ऐसे छात्र को सात दिन का अवकाश देकर घर पर रोका जाएगा। स्कूल प्रबंधन को कहा गया है कि बच्चों के चिकित्सा प्रमाण पत्र न मांगे जांए। साथ ही स्कूल बच्चों को साफ सफाई की भी जानकारी देंगे। सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है,ऐसे में उन्हें विशेष बचाव की जरूरत है।
समाधान को एडी हेल्थ से मिले सपाई
समाजवादी व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने गुरुवार को एडी हेल्थ से भेंट की और राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि अब जब तमाम बीमारियों पर विजय पाई जा रही है तो स्वाइन फ्लू का इस तरह से फैलना सवाल खड़े करता है। मरीजों की मौत हो रही है और सरकार अभी भी खामोश है। प्रदेश सरकार की रणनीति पूरी तरह से फेल रही है। महंगे चिकित्सालयों में जाने को मजबूर मरीजों का इलाज प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ही उपलब्ध कराया जाए। सरकार यह स्पष्ट करे कि एएन-1 और एच-1 वैक्सीन स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए प्रभावशाली है या नहीं? सरकारी या निजी चिकित्सालयों में हो रही मृत्यु की जांच कर गुणवत्ता की रिपोर्ट तैयार कराई जाए।
लोगों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी से बढ़ रहा स्वाइन फ्लू
मौसम की आंख मिचौली ने स्वाइन फ्लू को और घातक बना दिया है। माहभर के अंदर कई बार बारिश और ओलों के पड़ने से सांस के मरीज हाई रिस्क जोन में फंस गए हैं। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मरीज मेरठ में सामने आए हैं। सप्ताहभर में चार मरीजों की जान चली गई। उधर,प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट से एच1एन1 वायरस बड़ी तादाद तक पहुंच गया है।
डाक्टर भी नहीं समझ पा रहे
एच1एन1 वायरस गले के रास्ते फेफड़े में संक्रमित होता है। इसके लक्षण साधारण इन्फ्लुएंजा की तरह हैं,किंतु वायरस लोड बढ़ने के साथ गले में तेज दर्द,लगातार खांसी व बुखार उभरता है। इन लक्षणों के साथ सांस फूलने पर सावधान होने की जरूरत है। ब्लडप्रेशर में गिरावट खतरनाक संकेत है। चिकित्सक समझ नहीं पा रहे हैं कि समान स्ट्रेन-मिशीगन होने के बावजूद वायरस इतनी बड़ी आबादी में कैसे संक्रमित हो रहा है।
शारीरिक व्यायाम में कमी,फास्टफूड और बहुत कुछ
मेडिकल कालेज की भी रिपोर्ट बताती है कि शारीरिक व्यायाम में कमी,फास्टफूड व ज्यादा नमक के सेवन,एलर्जी की बीमारी,स्टेरायड समेत अंग्रेजी दवाओं के ज्यादा सेवन एवं लगातार बीमारियों में घिरे रहने से व्यक्ति में रोगों से लड़ने की क्षमता घटी है। हरी सब्जियों,फलों,दूध,दही एवं घी के सेवन में कमी से भी प्रतिरोधक क्षमता गिरी। मानसिक तनाव, शुगर,बीपी एवं विटामिन डी की कमी से भी बीमारियां जल्द पकड़ लेती हैं।
इनका कहना है
मेरठ में बेशक मरीज ज्यादा हैं। दो वर्ष पहले भी यहां लखनऊ के बाद सर्वाधिक मरीज मिले थे। 25 हजार से ज्यादा टेमी फ्लू की टेबलेट उपलब्ध है। टीम ई-रिक्शा के साथ ही स्कूलों में पहुंचकर स्वाइन फ्लू के प्रति सतर्क कर रही है।
- डा. राजकुमार,सीएमओ
दो दशक में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता में बड़ी गिरावट आई है। इससे लोग वायरल,बैक्टीरियल व फंगल संक्रमण की चपेट में जल्द आ रहे हैं। बदलते मौसम में स्वाइन फ्लू अस्थमा व हार्ट के मरीजों के लिए ज्यादा घातक है।
- डा.वीरोत्तम तोमर, सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ
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