धर्मांतरण के दोषी नहीं पाए गए पादरी और महिला, पुलिस ने छोड़ा
मवाना में धर्मांतरण के मामले की जांच में पादरी और महिला निर्दोष पाए गए। पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। इस प्रकरण को लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर हंगामा किया था।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 04:17 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 04:17 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। नगर में धर्मांतरण को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा की गई कार्रवाई की मांग से पुलिस इत्तफाक नहीं रखती। ईसाई मिशनरी के सक्रिय होने और कुछ घंटों की जांच में पुलिस ने हिरासत में बैठे पादरी व महिला को निर्दोष मानते हुए सोमवार देर रात ही छोड़ दिया। वहीं, हिंदू संगठनों द्वारा दी गई तहरीर पर मंगलवार को भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।
हिंदू संगठनों ने किया था हंगामा
मोहल्ला कल्याण सिंह में प्रमोद जाटव के मकान पर प्रार्थना सभा के दौरान गढ़ीना निवासी योगेंद्र और मोनू के धर्मांतरण को लेकर विहिप के जिलामंत्री सौरभ शर्मा और प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख आशु त्यागी समेत बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। आरोप था कि पैसे व नौकरी दिलाने का झांसा देकर ईसाई धर्म ग्रहण कराया जा रहा था। पुलिस ने मौके से पादरी इब्राहिम, थॉमस, सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह समेत उड़ीसा निवासी महिला निर्मला को हिरासत में ले लिया था।
पुलिस पर भी लगाया था आरोप
हिंदू संगठनों ने पुलिस पर आरोपितों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर हंगामा काटा था और इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट की भूमिका संदिग्ध बताते हुए धरने पर बैठ गए थे। आखिर एसएसपी अखिलेश कुमार द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर मामला शांत हुआ था। इसके बावजूद जैसे ही आल इंडिया ईसाई महासभा के पदाधिकारियों ने एसपी क्राइम बीपी अशोक के समक्ष आक्रोश जताते हुए सक्रिय हुए वैसे ही कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने हिरासत में लिए गए पादरी और महिला को छोड़ दिया। इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट ने बताया कि जांच में साबित नहीं हुआ की धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। अवैध हिरासत में लोगों को रखा नहीं जा सकता था। जबकि हिंदू संगठनों द्वारा दी गई तहरीर की जांच मंगलवार देर शाम तक पूरी नहीं हुई और रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई।
ईसाई मिशनरी के दबाव में पुलिस की छूटे पसीने
हिंदू संगठनों के दबाव में पादरी समेत महिला को पुलिस ने कस्टडी में भले ही ले लिया लेकिन कुछ घंटों में ईसाई मिशनरी के लोगों ने दबाव इतना बढ़ा दिया कि पुलिस के पसीने छूट गए। सूत्रों का कहना है पादरी और महिला को नहीं छोड़ने पर रात में मवाना में हजारों की भीड़ जुटने की चेतावनी दी गई थी।
पीएम कार्यालय से भी मांगी प्रकरण की रिपोर्ट
धर्म परिवर्तन की सूचना पर खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई थीं और विभिन्न माध्यमों से पल-पल की सूचना लेकर शासन को भेजी जाने लगी। सूत्रों का कहना है कि मध्यरात्रि पीएमओ कार्यालय से फोन द्वारा सारे प्रकरण की रिपोर्ट जिला मुख्यालय से ली गई और काननू व्यवस्था के साथ माहौल नहीं बिगड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे।
इनका कहना है
धर्म परिवर्तन का मामला अभी सामने नहीं आया है, उक्त मामले की जांच थाना पुलिस अभी कर रही है। पीएम कार्यालय द्वारा भी उक्त मामले की जानकारी ली गई थी।
-राजेश कुमार, एसपी देहात
धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं करती तो प्रतिनिधिमंडल जल्द उच्च अधिकारियों से मिलेगा। आंदोलन के विकल्प भी खुले हैं।
-बलराज डूंगर, प्रांत संयोजक, बजरंग दल
हिंदू संगठनों ने किया था हंगामा
मोहल्ला कल्याण सिंह में प्रमोद जाटव के मकान पर प्रार्थना सभा के दौरान गढ़ीना निवासी योगेंद्र और मोनू के धर्मांतरण को लेकर विहिप के जिलामंत्री सौरभ शर्मा और प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख आशु त्यागी समेत बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। आरोप था कि पैसे व नौकरी दिलाने का झांसा देकर ईसाई धर्म ग्रहण कराया जा रहा था। पुलिस ने मौके से पादरी इब्राहिम, थॉमस, सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह समेत उड़ीसा निवासी महिला निर्मला को हिरासत में ले लिया था।
पुलिस पर भी लगाया था आरोप
हिंदू संगठनों ने पुलिस पर आरोपितों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर हंगामा काटा था और इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट की भूमिका संदिग्ध बताते हुए धरने पर बैठ गए थे। आखिर एसएसपी अखिलेश कुमार द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर मामला शांत हुआ था। इसके बावजूद जैसे ही आल इंडिया ईसाई महासभा के पदाधिकारियों ने एसपी क्राइम बीपी अशोक के समक्ष आक्रोश जताते हुए सक्रिय हुए वैसे ही कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने हिरासत में लिए गए पादरी और महिला को छोड़ दिया। इंस्पेक्टर मनीष बिष्ट ने बताया कि जांच में साबित नहीं हुआ की धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। अवैध हिरासत में लोगों को रखा नहीं जा सकता था। जबकि हिंदू संगठनों द्वारा दी गई तहरीर की जांच मंगलवार देर शाम तक पूरी नहीं हुई और रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई।
ईसाई मिशनरी के दबाव में पुलिस की छूटे पसीने
हिंदू संगठनों के दबाव में पादरी समेत महिला को पुलिस ने कस्टडी में भले ही ले लिया लेकिन कुछ घंटों में ईसाई मिशनरी के लोगों ने दबाव इतना बढ़ा दिया कि पुलिस के पसीने छूट गए। सूत्रों का कहना है पादरी और महिला को नहीं छोड़ने पर रात में मवाना में हजारों की भीड़ जुटने की चेतावनी दी गई थी।
पीएम कार्यालय से भी मांगी प्रकरण की रिपोर्ट
धर्म परिवर्तन की सूचना पर खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई थीं और विभिन्न माध्यमों से पल-पल की सूचना लेकर शासन को भेजी जाने लगी। सूत्रों का कहना है कि मध्यरात्रि पीएमओ कार्यालय से फोन द्वारा सारे प्रकरण की रिपोर्ट जिला मुख्यालय से ली गई और काननू व्यवस्था के साथ माहौल नहीं बिगड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे।
इनका कहना है
धर्म परिवर्तन का मामला अभी सामने नहीं आया है, उक्त मामले की जांच थाना पुलिस अभी कर रही है। पीएम कार्यालय द्वारा भी उक्त मामले की जानकारी ली गई थी।
-राजेश कुमार, एसपी देहात
धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ पुलिस प्रभावी कार्रवाई नहीं करती तो प्रतिनिधिमंडल जल्द उच्च अधिकारियों से मिलेगा। आंदोलन के विकल्प भी खुले हैं।
-बलराज डूंगर, प्रांत संयोजक, बजरंग दल
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