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ऑनलाइन भी मिल रहे फास्टैग, जानिए आप कहां से ले सकते हैं Meerut News

NHAI द्वारा टोल प्लाजा पर एयरटेल पेमेंट बैंक पेटीएम आइसीआइसीआइ बैंक ऑफ बड़ौदा और आइएचएमसीएल के दो-दो स्टॉल लगे हुए हैं जहां फास्टैग बनाए जा रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 03:23 PM (IST)
ऑनलाइन भी मिल रहे फास्टैग, जानिए आप कहां से ले सकते हैं Meerut News
ऑनलाइन भी मिल रहे फास्टैग, जानिए आप कहां से ले सकते हैं Meerut News

मेरठ, [संजीव तोमर]। फास्टैग बनवाने के लिए अंतिम तिथि को आगे बढाने की सूचना से लोगों ने राहत की सांस ली है। पहले फास्टैग बनवाने के लिए एनएचएआइ की ओर से अंतिम तिथि 30 नवंबर तय थी। एनएचएआइ द्वारा टोल प्लाजा पर एयरटेल पेमेंट बैंक, पेटीएम, आइसीआइसीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा और आइएचएमसीएल के दो-दो स्टॉल लगे हुए हैं, जहां फास्टैग बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा गढ़ रोड पर आइसीआइसीआइ की ब्रांच और तेजगढ़ी के पास बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से भी फास्टैग मिल रहे हैं। अमेजन व पेटीएम से भी ऑनलाइन फास्टैग प्राप्त कर सकते हैं।

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फास्टैग निशुल्क, फीस लेकर वापस मिल रहा बैलेंस

कंपनी                         फीस    बैलेंस

एयरटेल पेमेंट बैंक        200      200

पेटीएम                       150        150

आइसीआइसीआइ          500        500

बैंक ऑफ बड़ौदा             500         500

आइएचएमसीएल            150        150

कैश बैक बैलेंस में भी पैसे रहेंगे जमा

क्यूब हाईवे कंपनी के मैनेजर प्रदीप चौधरी ने बताया कि फास्टैग निश्शुल्क है, मगर जो पैसा फास्टैग देने वाली कंपनी ले रही है, उसे डिजिटल बैलेंस की तरह हाथोंहाथ दिया जा रहा है। इनमें कुछ रुपये कैश बैक बैलेंस में जमा रहेंगे ताकि एकाउंट में डिजिटल बैलेंस न होने पर कैश बैक बैलेंस से गाड़ी निकल सके। इसमें 200 रुपये में 150 रुपये रिचार्ज हो रहा है, जबकि 50 रुपये कैश बैक बैलेंस में जमा रहेंगे।

वीआइपी को एनएचएआइ जारी करेगा जीरो बैलेंस का फास्टैग

मैनेजर ने बताया कि फास्टैग कार्ड की व्यवस्था सभी गाड़ी पर लागू की गई है। सांसद, विधायक, अधिकारी, थाने की सरकारी गाड़ी, एंबुलेंस, फायरब्रिगेड, शव यात्र वाहन आदि वाहनों पर भी फास्टैग जरुरी है, मगर इनके इनमें से किसको जीरो बैलेंस के फास्टैग दिया जाएगा, यह एनएचएआइ तय करेगा।

मुख्‍य सचिव को लिखा पत्र

मेरठ समेत आए दिन सभी टोल प्लाजा पर फीस जमा करने पर कर्मचारियों का झगड़ा होता था। इसमें स्थानीय पुलिस और प्रशासिनक अफसरों का सहयोग टोल प्लाजा के अधिकारी और कर्मचारियों को नहीं मिलता था। ऐसे में एनएचएआइ के चेयरमैन डा. सुखबीर सिंह संधु ने 21 नवंबर को यूपी के मुख्य सचिव के नाम पत्र लिखकर लोकल प्रशासन से टोल प्लाज पर सहयोग करने की मांग की है। वेस्टर्न यूपी टोलवे लिमिटेड कंपनी के जीएम श्रीधर नारायण ने बताया कि सिवाया टोल प्लाजा समेत देशभर में एनएचएआइ के 527 टोल प्लाजा हैं। टोल न देने पर राहगीर झगड़ा करते हैं, जिसके चलते कभी-कभी मुकदमा दर्ज तक की नौबत आ जाती है।

24 घंटे में वापस आने की सिवाया टोल पर नहीं है व्यवस्था

जीएम श्रीधर नारायण ने बताया कि सिवाया टोल प्लाजा 2005 में शुरू हो गया था। उस दौरान एनएचएआइ के रुल्स में नहीं था कि 24 घंटे के भीतर उसी टोल से आने पर टोल कम लगेगा। मगर, वर्ष 2010 से जो टोल बने चालू हुए, उन पर नए नियमों के आधार पर 24 घंटे में वापस आने पर कम चार्ज की व्यवस्थ लागू है। 24 घंटे में वापसी वाली व्यवस्था सिवाया टोल प्लाजा पर फिलहाल लागू नहीं है।

एक नंबर लेन से निकल सकेंगी कैश की गाड़ी

क्यूब हाईवे कंपनी के मैनेजर प्रदीप चौधरी ने बताया कि एनएचएआइ के अनुसार, प्रत्येक गाड़ी पर फास्टैग कार्ड होना चाहिए। मगर टोल क्षेत्र के लोकल की गाड़ियों में भी फास्टैग कार्ड लगेगा। बिना फास्टैग वाली गाड़ी टोल के दोनों साइड की लेन-एक से कैश जमा कर निकल सकेंगी। ट्रैक्टर पर भी फास्टैग लगना अनिवार्य है।

फास्टैग बनवाने को टोल पर दिनभर रही मारामारी

एनएचएआइ के पुराने आदेश में 30 नवंबर तक फास्टैग कार्ड बनवाने की व्यवस्था दी गई थी, जिसके चलते शुक्रवार को दिनभर राहगीर और क्षेत्रवासियों की भीड़ टोल पर जमा रही। हालात आपाधापी जैसे हो गए। उधर, देर शाम एनएचएआइ के नए आदेश में फास्टैग बनवाने की 30 नवंबर की बजाए 31 दिसंबर तक कर दी गई। मगर, लोग अपनी गाड़ी के अलावा अपने नाते-रिश्तेदारों के भी गाड़ियों के कागज लेकर फास्टैग बनवाने टोल पर उमड़े हुए थे। पांच कंपनी के स्टॉल पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। 


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