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कृषि कानून के समर्थन में कृषि मंत्री से मिले बागपत के किसान, इन सुधारों का द‍िया सुझाव

किसानों का एक बड़ा तबका कृषि कानूनों का समर्थन भी कर रहा है। बागपत के किसानों ने कृषि कानूनों से बिचौलियों व आढ़तियों से मुक्ति दिलाने का दिया धन्यवाद। कृषि कानूनों में सुधार करने को दिए सुझाव दिया ज्ञापन।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 10:31 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 06:13 AM (IST)
कृषि कानून के समर्थन में कृषि मंत्री से मिले बागपत के किसान, इन सुधारों का द‍िया सुझाव
कृषि मंत्री से मिले बागपत के किसान।

बागपत, जेएनएन। कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ यूपी गेट व स‍िंधु बार्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। वहीं किसानों का एक बड़ा तबका कृषि कानूनों का समर्थन भी कर रहा है। अब कृषि कानूनों के समर्थन में बागपत के किसान आगे आए हैं। किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री से मिला और कृषि कानूनों के जरिए बिचौलियों और आढ़तियों से मुक्ति दिलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। 

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गुरुवार को किसान मजदूर संघ बागपत के अध्यक्ष चौधरी प्रकाश तोमर के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र स‍िंह तोमर से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि किसानों को दीनबंधु सर छोटूराम ने साहूकारों, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण ङ्क्षसह ने जमींदारों तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों से बिचौलियों व आढ़तियों से मुक्ति दिलाई है। इसके लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं। साथ ही नए कृषि कानून का स्वागत करते हैं। किसानों ने कृषि कानूनों में सुधार करने को सुझाव देते हुए कृषि मंत्री को ज्ञापन दिया। कृषि मंत्री ने सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर ठाकुर राजेन्द्र स‍िंह, बाबूराम त्यागी, कृष्णपाल स‍िंह, राजीव, धर्मवीर स‍िंह व सुधीर आदि मौजूद रहे।

इन सुधारों का सुझाव दिया

चौधरी प्रकाश तोमर ने बताया कि कृषि कानून में विवाद निपटाने के लिए एसडीएम कोर्ट के बजाए किसान ट्रिब्यूनल का गठन हो। इसमें सरकारी अधिकारी, न्यायिक अधिकारी व किसान संगठन के प्रतिनिधि शामिल हों। गन्ना भुगतान में देरी करने वाली शुगर मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करने व देरी के कारण किसानों के ऋण पर ब्याज को मुक्त करने का प्रावधान किया जाए। गन्ना भुगतान की व्यवस्था, गन्ना पर्ची व तौल की व्यवस्था के बेहतर निगरानी के लिए कंप्यूटरीकृत करने, किसानों के बच्चों को दस करोड़ रुपये का व्यापार कर मुक्त करने व ऋण की व्यवस्था करने, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को स्मार्ट कृषि क्षेत्र घोषित करते हुए इस क्षेत्र को केवल कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, किसानों को अपना माल कहीं पर बेचने की आजादी के साथ ही वाहनों को टोल प्लाजा पर कर मुक्ति देने, दिल्ली पुलिस के अनावश्यक चालान काटने की प्रथा पर अंकुश लगाने, किसान श्रम व उसके कार्यों को मनरेगा में शामिल कर कम से कम 50 प्रतिशत श्रम की भरपाई मनरेगा फंड से करने, पशुपालन में लगे किसानों के हित के लिए पशु स्वास्थ के लिए कोई योजना आयुष्मान भारत की तरह चलाने, पशु बीमा तथा फसल बीमा व किसान परिवार बीमा के लिए सरकार किसान प्रतिनिधित्व के द्वारा चलाई जाने के लिए एक विशेष बीमा कंपनी अलग से बनाई जाए, जो पूर्णतय: अलाभकारी उद्देश्य के साथ कार्य करें। कृषि उत्पाद की सुगम आवाजाही के लिए स्पेशल किसान रेल चलाने का प्रावधान करने की मांग की।

सांसद ने किया ट्वीट

सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने बताया कि उनसे किसानों ने कृषि मंत्री से मिलाने का अनुरोध किया था। इस पर उन्होंने कृषि मंत्री से समय लेकर किसानों को उनसे मिलाया। वह भी किसानों के साथ कृषि मंत्री से मिले। वहीं सांसद ने ट्वीट में कहा कि लोकतंत्र की आत्मा हैं संवाद। बड़े से बड़े विवाद संवाद से सुलझते है। युद्धों का अंत भी अंतत: संवाद से ही होता है। किसानों का मुद्दा इतना बड़ा नहीं जितना बनाया गया है। इसे आसानी से सुलझाया जा सकता है। बशर्ते सुनने, सुनाने और सुलझाने की ईमानदार नीयत हो। अड़ंगा नहीं, अजेंडा चाहिए। 


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