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सहारनपुर में दबंगों के उत्पीड़न से किसान हुआ गांव छोड़ने को मजबूर

सहारनपुर में सालभर से उत्पीडऩ की शिकायत का नहीं हुआ निस्तारण। ग्रामीणों और पुलिस के समझाने पर बामुश्किल लौटा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 10:10 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 10:10 PM (IST)
सहारनपुर में दबंगों के उत्पीड़न से किसान हुआ गांव छोड़ने को मजबूर
सहारनपुर में दबंगों के उत्पीड़न से किसान हुआ गांव छोड़ने को मजबूर

सहारनपुर, जेएनएन। दबंगों द्वारा उत्पीडऩ की शिकायत का सालभर से भी अधिक समय तक निस्तारण न होने के चलते गांव छोड़कर जा रहे गरीब किसान को ग्रामीणों व पुलिस ने बमुश्किल समझाकर वापस लौटाया।

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यह है मामला

बुधवार की सुबह पुलिस-प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया जब उन्हें गांव बालू से दूसरे संप्रदाय के दबंग लोगों द्वारा गरीब किसान को परेशान किए जाने से गांव छोड़कर जाने की सूचना मिली। दरअसल गांव में पौने छह बीघा जमीन पर अपनी तीन बेटियों, पत्नी और 12 वर्षीय पुत्र के साथ वृद्ध किसान रामपाल किसी तरह मेहनत करके अपनी गुजर-बसर कर रहा है।

येे लगाए आरोप

रामपाल का आरोप है कि उसके पड़ोसी अफसर, रुकमा और ईशा की निगाह उसकी जमीन पर है, जिसके चलते वे उसे आए दिन परेशान करते रहते हैं। वह इसकी शिकायत पिछले एक साल से राजस्व विभाग सहित कई बार पुलिस-प्रशासन से भी कर चुका है, लेकिन दबंगों के साथ सांठगांठ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई दिन पूर्व भी उसके और उसकी पत्नी के साथ मारपीट की गई लेकिन चौकी पर सूचना देने के बाद भी उसको न्याय नहीं मिला।

बुधवार सुबह निराश होकर वृद्ध किसान अपनी पत्नी लक्ष्मी, तीन पुत्रियों प्रियंका, दीपिका, रितिका और 12 वर्षीय पुत्र सूरज के साथ गांव छोड़कर जाने के उद्देश्य से अपनी बैलगाड़ी में घर का सामान लादकर गांव से निकल गया। गांव के जिम्मेदार लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे उप निरीक्षक हरिओम और ग्रामीण रोबिन ङ्क्षसह, नरेश, बबलू कुमार शमशाद आदि ने उसे समझा-बुझाकर वापस गांव में पहुंचाया। प्रधान तनवीर ने कहा कि आगामी चुनाव को देखकर इस तरह की साजिश की जा रही है। कोतवाली प्रभारी छोटे ङ्क्षसह ने बताया कि दोनों पक्षों को गांव के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में थाने बुलवाया गया, राजस्व विभाग के अधिकारियों को बुलवाकर एक-दो दिन में मामले को निपटा दिया जाएगा, पलायन जैसी कोई बात नहीं है।


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