धरने पर बैठे किसान की मौत, हंगामा
बिजली और बकाया गन्ना भुगतान को लेकर तहसील में चल रहा था घरना। शव को धरनास्थल पर रखा, 50 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग।
मेरठ। बागपत की बड़ौत तहसील परिसर में 21 मई से किसान संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के दौरान शनिवार को एक किसान की मौत हो गई। इससे क्षुब्ध किसानों ने हंगामा करते हुए शव धरनास्थल पर रख दिया। प्रशासन ने मृतकाश्रितों को लगभग 17 लाख रुपया मुआवजा दिलाने और अन्य मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। इस पर किसानों ने धरना समाप्त कर शव उठने दिया।
बिजली की बढ़ी दरें कम करने व बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर शुक्रवार को भी तहसील परिसर में धरना जारी था। धरने पर बैठे जिवाना गांव के किसान उदयवीर (62) की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में चिकित्सक बुलाकर जांच कराई लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत का कारण हार्ट अटैक माना जा रहा है।
इसके बाद गुस्साए किसानों ने उदयवीर का शव धरना स्थल पर रख दिया। रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, एमएलसी वीरेंद्र गुर्जर, एमएलसी संजय लाठर, पूर्व विधायक वीरपाल राठी, पूर्व विधायक अजय कुमार, पूर्व विधायक गजेंद्र मुन्ना आदि किसानों के बीच पहुंचे। किसानों ने बताया कि किसी भी अधिकारी ने समस्या का समाधान नहीं किया।
धरने में बैठे लोगों ने उदयवीर के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा व उनके बेटे को नौकरी दिलाने समेत कई मांगें रखीं। एसडीएम अर¨वद कुमार द्विवेदी और सीओ रामानन्द कुशवाहा ने किसानों को समझाकर शव उठाने का प्रयास किया, लेकिन किसान हंगामा करने लगे। देर शाम एडीएम लोकपाल ¨सह धरनास्थल पर पहुंचे तो किसानों ने उन्हें भी खरी-खोटी सुनाई। एडीएम ने नियमानुसार मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद शव उठाने दिया। पदाधिकारियों ने कहा कि धरना जारी रहेगा। बागपत एडीएम लोकपाल ¨सह ने बताया कि उदयवीर के परिजनों को पांच लाख रुपए किसान दुर्घटना बीमा से दिए जाएंगे। दो दिन में 12 लाख रुपए का चेक और दिया जाएगा। 50 लाख रुपए मुआवजा के लिए शासन को संस्तुति भेजी जाएगी। इसके अलावा किसानों पर दर्ज बिजली से संबंधित मुकदमे एसई से बातचीत कर नियमानुसार वापस कराए जाएंगे। शव पोस्टमार्टम को भेज दिया है।