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‘काले सोने’ से किस्मत चमका रहे किसान, कम बजट का निवेश, शत-प्रतिशत आमदनी Meerut News

कम बजट का निवेश कर शत-प्रतिशत आमदनी का सपना देखने वाले किसानों के लिए केंचुआ खाद एक वरदान साबित हो रहा है। केंचुआ खाद खेती के लिए पोषक तत्वों से भरपूर है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 01:54 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 01:54 PM (IST)
‘काले सोने’ से किस्मत चमका रहे किसान, कम बजट का निवेश, शत-प्रतिशत आमदनी Meerut News
‘काले सोने’ से किस्मत चमका रहे किसान, कम बजट का निवेश, शत-प्रतिशत आमदनी Meerut News

मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]। केंचुआ किसानों की आमदनी का स्रोत बनता जा रहा है। केंचुआ खाद को तैयार कर किसान खेती के साथ अपनी किस्मत भी चमका रहे हैं। गन्ना भुगतान, सब्सिडी, खाद आदि के खर्चो से जूझने वाले किसानों के लिए केंचुआ खाद केवल गोबर पर आधारित आमदनी का माध्यम है। कम बजट का निवेश कर शत-प्रतिशत आमदनी का सपना देखने वाले किसानों के लिए केंचुआ खाद एक वरदान साबित हो रहा है। मेरठ कैंट स्थित केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान में विभिन्न जनपदों के किसान प्रत्येक दिन केंचुआ खाद बनाने की विधि व उससे आमदनी के तरीके सीख रहे हैं। केंचुआ को किसानों ने ‘काला सोना’ नाम दिया है।

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बनाने की विधि

केंचुआ खाद बनाने की विधि बेहद सरल है। गोबर को एकत्र कर छाया या अंधेरे में दस दिनों तक सुखाया जाता है। औसतन 20 कुंतल गोबर में एक किलो केंचुआ डाला जाता है। इससे लगभग 14 कुंतल केंचुआ खाद बनकर तैयार होती है। इसमें लगभग दस से 40 दिनों का समय लगता है।

आमदनी वाले किसानों की जुबानी

अरनावली निवासी किसान मनीष भारती, शाहपुर निवासी बचन सिंह व सरधना निवासी सुखपाल सिंह आदि कई ऐसे किसान हैं, जिन्होंने केंचुआ खाद को अपनाकर आय में बढ़ोतरी की है। 10 गायों से प्राप्त 150 किलो प्रति दिन गोबर के अनुसार एक वर्ष में 54,750 किलो गोबर एकत्र हुआ। इसमें से औसतन आधी 27, 375 किलो केंचुआ खाद प्राप्त हुई। बाजार में दस रुपये प्रति किलो बेचने पर 2.73 लाख रुपये प्राप्त हुए। यानि किसान को लगभग 22 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी प्राप्त हुई।

केंचुआ खाद के लाभ

  • मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने वाले तत्वों नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश आदि का स्रोत
  • रोगाणुओं व विषैले पदार्थो से रहित
  • खर-पतवार व परजीवियों पर नियंत्रण में सहायक
  • किसान की आय का साधन
  • मिट्टी की जलधारणा में वृद्धि

इन्‍होंने बताया

केंचुआ खाद खेती के लिए पोषक तत्वों से भरपूर है। यह किसानों की आमदनी का अच्छा संसाधन बनकर उभर रहा है। कई जनपदों से किसान रूचि लेकर काम कर रहे हैं।

- डा. संजीव कुमार वर्मा, प्रधान वैज्ञानिक, पशु पोषण, केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान मेरठ 


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