टंकी पर चढ़े राकेश टिकैत, किसानों को मनाकर नीचे उतरे
शताब्दीनगर में टंकी पर शनिवार सुबह से बैठे थे किसान
मेरठ । शताब्दीनगर में 72 घंटे से चल रहा धरना मंगलवार शाम खत्म हो गया। डीएम ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और विधायक सोमेंद्र तोमर की उपस्थिति में छह जून को किसानों से वार्ता कर प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया। इसके बाद राकेश टिकैत टंकी पर चढ़े और किसानों को मनाकर नीचे उतार लाए।
नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे की मांग को लेकर शनिवार सुबह सात बजे डेढ़ दर्जन किसान शताब्दीनगर सेक्टर चार-बी में टंकी पर चढ़ गए थे। इनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। किसानों का नेतृत्व कर रहे विजयपाल घोपला ने अनशन व टंकी के नीचे दर्जनों महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया था। किसानों को टंकी से उतराने व धरना खत्म कराने के लिए रविवार को सिटी मजिस्ट्रेट, एमडीए के सचिव, क्षेत्रीय विधायक सोमेंद्र तोमर पहुंचे थे, लेकिन किसी की बात नहीं सुनी गई। किसान डीएम व कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़ गए।
मंगलवार शाम सात बजे डीएम अनिल ढींगरा, भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व विधायक सोमेंद्र तोमर पहुंचे। काफी देर तक किसानों के साथ चली वार्ता के बाद तय हुआ कि छह जून को एक वार्ता होगी, जिसमें कमिश्नर, डीएम, विधायक, एमडीए के अधिकारी व किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके बाद एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसे शासन को भेजा जाएगा। इस पर किसान नेता विजयपाल घोपला मान गए। इसके बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, प्रशासन तथा पुलिस के कुछ अधिकारी टंकी पर चढ़कर किसानों के पास पहुंचे और उनको डीएम का आश्वासन बताकर नीचे उतार लाए। इसके बाद विजयपाल को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया गया। विजयपाल ने अनशन तथा धरना खत्म करने की घोषणा की। बेहोश हुई महिला
टंकी से नीचे उतरते समय एक महिला बेहोश हो गई। लोगों ने उन्हें संभाला और पानी छिड़क होश में लाया गया। ये है प्रकरण
शताब्दीनगर योजना के लिए 14 अगस्त 1987 में अधिसूचना के तहत 1830.65 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हुई थी। सभी किसानों को उस समय के अनुसार करीब 40 रुपये वर्ग मीटर के दर से मुआवजा मिला था। इसके बाद 2005 में 165 रुपये की दर से अतिरिक्त प्रतिकर दिया गया। 2011 में 542 रुपये अतिरिक्त प्रतिकर दिया गया। घोपला व जैनपुर की जो करीब 600 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हुई थी, किसानों ने उस पर पूरी तरह से कब्जा कर रखा है और चार साल से नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजा मांग रहे हैं।