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UP: मार्मिक है... मुजफ्फरनगर के फरमानी की कहानी, बेटे के इलाज के लिए बन गईं गायिका; इंडियन आइडल से जीत चुकी हैं गोल्डन टिकट

मुजफ्फनगर निवासी महिला गायिका की कहानी मार्मिक है जो अपने ब‍च्‍चे के इलाज के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और गाने की वीडियो डालने लगी। जिसे लाखों-करोड़ो लोगों ने देखा। इंडियन आइडल से इन्‍होंने गोल्‍डन टिकट भी जीता है। कुमार सानू के साथ गीत भी का चुकी हैं।

By Himanshu DiwediEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 07:48 PM (IST)
UP: मार्मिक है... मुजफ्फरनगर के फरमानी की कहानी, बेटे के इलाज के लिए बन गईं गायिका; इंडियन आइडल से जीत चुकी हैं गोल्डन टिकट
इंडियन आइडियल में गोल्डन टिकट मिलने के बाद अपने गांव पहुंची फरमानी नाज, फरमान नाज व अन्य साथी।।

[दिलशाद सैफी], मुजफ्फरनगर। जिंदगी इम्तिहान लेती है..फिल्म नसीब का यह गीत फरमानी नाज की कहानी को चरितार्थ कर रहा है। बाबुल के आंगन से ससुराल की दहलीज पर कदम रखा ही था कि मुसीबत पीछा करती चली आई। बेटे को जन्म दिया तो ससुराल में जीवन नरक हो गया। यातनाओं से थक चुकी फरमानी ने मायके का रुख किया। यहां भी मुफलिसी कम न थी। ऐसे में जिगर के टुकड़े की जिंदगी के आगे मुश्किलें पहाड़ बनकर खड़ी हो गई। फिर एक रोज दिल का दर्द जुबां पर आया तो कामयाबी का परवाज होता चला गया।

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मेरठ के छोटा हसनपुर में हुई थी शादी

खतौली के गांव मोहम्मपुर माफी के मोहम्मद आरिफ की बेटी फरमानी नाज की तीन वर्ष पूर्व शादी मेरठ के छोटा हसनपुर के इमरान से हुई थी। शादी के बाद ससुराल में जीवन तंगहाल हो गया। यहां एक बेटे अर्श को जन्म दिया। जन्म से ही बेटा बीमार रहने लगा। उसके हलक में सुराख होने से वह केवल दूध पर निर्भर है। ऐसे में ससुराल वालों ने फरमानी को सताना शुरू किया तो वह अपने पिता के घर आकर रहने लगी। बेटे को चिकित्सकों को दिखाया तो उसका आपरेशन बताया गया। आपरेशन में लाखों रुपये का खर्च है। पिता की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। इसके फरमानी ने अपने जिंदगी को मुश्किलों से निकालने के लिए खुद ही बीड़ा उठाया।

संकट की धुन पर गूंजे मजबूरी के सुर

संकट में घिरी जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए मजबूरी के सुर गूंज पड़े। चौका-चूल्हा करते हुए गाए गए गीत वायरल हुए शोहरत दौड़ी चली आई। सरधना निवासी राहुल कुमार ने फरमानी नाज और उनके भाई फरमान नाज के गानों की वीडियो बनाकर अपने यू-ट्यूब चैनल आशू बच्चन सिंगर पर डाल दी। पहली वीडियो को तीन दिन में नौ मिलियन लोगों ने देखा और हजारों ने शेयर किया। इसके बाद लगातार वह गानों की वीडियो बनाकर अपलोड करते रहे। यहां से हर माह करीब पांच हजार रुपये की आमदनी होने लगी। फरमानी कहतीं हैं कि यह सबकुछ अपने बेटे की खातिर किया है। वह अपने बच्चे को हर हाल में पूर्ण रूप से सामान्य जिंदगी देना चाहती है।

गायकी का मंच और कुमार शानू का साथ मिला: फरमानी नाज बतातीं है कि एक रोज मुंबई के इंडियन आइडल अधिकारियों का फोन आया। उसके बाद आनलाइन आडिशन लिया गया। 21 सितंबर को राहुल कुमार ने फरमानी व उसके भाई फरमान नाज को मुंबई इंडियन आइडल के मंच तक पहुंचाया। यहां उनके गीत को रिकार्ड किया गया। जिसे चार दिसंबर को टेलीकास्ट किया गया। इंडियन आइडल के एपिसोड-12 में वह गोल्डन टिकट जीत चुके है। सिने गायक कुमार शानू ने फरमानी के साथ गाना रिकार्ड किया है। यह गाना अभी किसी फिल्म में नहीं लिया गया है।

शौक नहीं था, जरूरत ने जोड़ा नाता

फरमानी नाज कहतीं है कि पति इमरान को गाने-बजाने से नफरत है। बचपन से कोई शौक नहीं था, लेकिन आवाज अच्छी और सुरताल बेहतर होने के कारण वह वीडियो बनाने लगी। उनका भाई फरमान नाज आजीविका चलाने के लिए गंगनहर से रेत निकालकर बेचता है। वर्तमान में वह भी नहीं हो रहा है। परिवार तंगहाली में गुजर-बसर कर रहा है। मकान पर छत है, लेकिन कच्ची है। जिस स्थान पर फरमानी नाज अपने बेटे संग रहती है वह छप्परनुमा है। राहुल कुमार बताते हैं कि इन लोगों का यह शौक नहीं था, लेकिन जरूरत ने नाता जोड़ दिया।

एक लाख लोग कर चुके वीडियो को शेयर

इंडियन आइडियल की वीडियो को यू-ट्यूब, फेसबुक पर 30 मिलियन लोग देख चुके है, जबकि एक लाख लोग शेयर कर चुके हैं। 40 हजार लोग अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। 


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