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लाखों रुपये की कॉस्‍को और निविया के नकली गेंद का जखीरा पकड़ा, कई महीनों से थी इनपर नजर Meerut News

करीब दो लाख रुपये के ब्रांडेड बाल का जखीरा पकडने के लिए गुरुग्राम की टीम कई म‍हीनों से आरोपितों पर नजर बनाई हुई थी। लाकडाउन के दौरान भी ये ऑनलाइन सप्‍लाई कर रहे थे।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 08:09 PM (IST)
लाखों रुपये की कॉस्‍को और निविया के नकली गेंद का जखीरा पकड़ा, कई महीनों से थी इनपर नजर Meerut News
लाखों रुपये की कॉस्‍को और निविया के नकली गेंद का जखीरा पकड़ा, कई महीनों से थी इनपर नजर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। नामी कंपनियों के नकली माल बनाने का धंधा फिर जोर पकडऩे लगा है। लाकडाउन के बाद से जैसे ही बाजार खुलने शुरू हुए नकली समानों और अपराध की घटनाएं भी बढ़ने लगी है। लाकडाउन के पहले भी इस तरह की घटनाए होती रहीं है। गुरुग्राम से आई टीम ने शुक्रवार को टीपीनगर पुलिस के साथ मिलकर लाखों रुपये की नकली कॉस्‍को और निविया की गेंद बरामद की। टीम ने दो आरोपितों को भी दबोच लिया। सालों से काला कारोबार चल रहा था। ऑनलाइन भी माल की सप्लाई की जा रही थी।

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छापा मारने के बाद से ही थी नजर 

ब्रांड प्रोटेक्टर्स इंडिया प्रा. लि. के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि करीब सात माह पहले उन्होंने रोहटा रोड पर सैनी स्पोट्र्स के यहां छापा मारा था। तभी उनको छवि इंटरप्राइजेज के बारे में जानकारी मिली थी। तब से उस पर नजर रखी जा रही थी। अनलॉक के साथ ही काम फिर से शुरू हो गया था। गुरुवार को टीम मेरठ पहुंची और टीपीनगर पुलिस को जानकारी दी। मंडी चौकी प्रभारी प्रवीण कुमार के साथ उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर से लाखों रुपये का माल बरामद किया। धीरेंद्र सिंह ने बताया कि माल की सप्लाई की जा रही थी। टीम ने ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम निवासी आकाश दत्ता और उसके साथ आकाश गोयल को पकड़ लिया। बताया कि घर में ही फैक्ट्री लगा रखी थी। प्लेन बॉल लाकर उनपर ब्रांडेड कंपनी का कवर चढ़ाकर बेच रहे थे। आरोपित सालों से इस काम को कर रहे थे।

इंडिया मार्ट पर भी प्रोफाइल

धीरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित आसपास के राज्यों के साथ ही सूरजकुंड मार्केट में भी सप्लाई करते थे। साथ ही इंडिया मार्ट पर भी प्रोफाइल बना रखा था। जिस कंपनी की बॉल की कीमत करीब सौ रुपये है, उसे आरोपित 15 रुपये में बेच रहे थे। करीब 800 गेंद बरामद की गई हैं, जिनकी कीमत पौने दो लाख रुपये से अधिक है। बताया कि आरोपित एक घंटे में ही एक हजार गेंद से ज्यादा तैयार कर लेते हैं। आरोपितों के पास से बरामद कागजों से कई अन्य लोगों के नामों की भी जानकारी मिली है, जो उनका माल खरीदते हैं। 


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