कू्रस पर यीशु के बलिदान को याद कर नम हुई आंखें
मानव के उद्धार के लिए कू्रस पर लटककर बलिदान देने वाले प्रभु यीशु को मसीही समाज ने नमन किया।
मेरठ । मानव के उद्धार के लिए कू्रस पर लटककर बलिदान देने वाले प्रभु यीशु को मसीही समाज ने नमन किया। गुड फ्राइडे पर जगह-जगह चर्च में यीशु के अंतिम समय के कहे गए सात वचनों के पादरियों ने निहितार्थ बताए। रुड़की रोड स्थित सेंट जोसफ केथड्रल चर्च के परिसर में 14 मुकाम को जुलूस के रूप में दर्शाया गया। कार्यक्रम के समापन पर मसीही समाज ने पवित्र कू्रस का चुंबन लिया और कभी न छोड़ने का वचन दिया।
गुड फ्राइडे के पर्व पर चर्चो में मौजूद कलीसियाओं की आंखें प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर नम होती नजर आई। मुख्य प्रार्थना सुबह 10 बजे से सेंट जोजफ गिरिजाघर में में हुई। बिशप फ्रांसिस कालिस्ट ने कू्रस पर लटकाए जाने से लेकर मौत के पहले तक कहे गए यीशु के सात वचनों को विस्तार से बताया। ईसा मसीहा ने मौत की सजा देने वालों के लिए कहा था कि 'परम पिता यह नहीं जानते ये क्या कर रहे हैं', 'मैं प्यासा हूं..', आदि वचनों के बारे में बताया गया। बिशप स्वामी ने कहा कि यीशु के साथ दो और डाकुओं को मृत्युदंड दिया गया था। उन्हें भी यीशु के साथ लटकाया गया था। लेकिन ईसा मसीह ने उनका मन परिवर्तन कर दिया और कहा कि 'तुम भी मेरे साथ स्वर्ग में होगे'। दोपहर तीन बजे यीशु को मृत्यु दंड दिए जाने से लेकर उन्हें दफनाने तक 14 मुकामों की झांकी निकाली गई। इस दौरान फादर रोज बेनेडिक्ट, जेसु अमृतम, अल्बर्ट जिनेश, फादर राय मौजूद रहे।
साकेत स्थित सेंट लुक्स चर्च में भी काफी संख्या में ईसाई समाज के लोगों ने भाग लिया। फादर राज ने कहा कि यीशु मसीह ने माता मरियम से कहा था कि तुमने और मैने परम पिता को वचन दिया है, हम उसके हर आदेश का पालन करेंगे। यही कारण है कि जन्म से लेकर अंत तक माता मरियम प्रभु यीशु के साथ रहीं।
कैंट स्थित सेंट पाल मैथोडिस्ट चर्च में रेव्ह. डीपी लाल और डेविड मसीह ने गुड फ्राइडे की प्रार्थना कराई। इस दौरान अखिल कौशिक, अमन मसीह, डा. विमला, मुनीश जानसन, रेणु राबर्ट, शलिनी, सिडनी, ज्योति आदि मौजूद रहे। वहीं, साकेत सिटी मेथोडिस्ट चर्च, बच्चा पार्क स्थित सेंट थॉमस चर्च में विशेष प्रार्थना सभाएं हुईं।