एक्सप्रेस-वे निर्माण धीमा, जाम से मुक्ति नहीं
दिल्ली जाने वालों को मोदीनगर के जाम से अभी कुछ महीने और जूझना पड़ेगा। एक्सप्रेस-वे का काम धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में तय लक्ष्य मार्च-2020 तक इसका उद्घाटन मुश्किल है। मेरठ
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली जाने वालों को मोदीनगर के जाम से अभी कुछ महीने और जूझना पड़ेगा। एक्सप्रेस-वे का काम धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में तय लक्ष्य मार्च-2020 तक इसका उद्घाटन मुश्किल है।
मुआवजा प्रकरण और बारिश की वजह से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम रुका हुआ था। बारिश खत्म होने के बाद सितंबर में काम शुरू तो हुआ लेकिन काम की तेजी संतोषजनक नहीं कही जा सकती। जगह-जगह जो टुकड़े छूटे थे और उनमें मिट्टी भराव होना था, उन टुकड़ों की स्थिति अभी भी जस की तस है। मेरठ से गाजियाबाद जिले की सीमा तक कई अंडरपास व ओवरब्रिज निर्माणाधीन हैं, लेकिन उनका कार्य भी एक्सप्रेस गति से नहीं हो रहा है। सैदपुर गांव के पास रजवाहा निकालने के लिए पुल बनाया जा रहा है, लेकिन उस पर गार्डर रखने के बाद काम वहीं रुका हुआ है। सैदपुर के आगे एक टुकड़े पर अभी भी पेड़ खड़े हैं, पहले ये काटे जाएंगे फिर मिट्टी भराव का कार्य शुरू हो सकेगा। काशी गांव के पास हाईटेंशन लाइन शिफ्टिंग का कार्य आधा ही हुआ है, अभी भी कई पोल एक्सप्रेस-वे के बीच में खड़े हैं।
काशी गांव के पास ही टोल प्लाजा निर्माणाधीन है, लेकिन इसकी स्थिति भी नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली है। अच्छरौंडा अंडरपास के नजदीक एक्सप्रेस-वे के बीच में ही फसल खड़ी है। इस हिस्से का प्रकरण मुआवजा की वजह से उलझा हो सकता है पर उसके आगे जो जमीन कार्य करने के लिए मिल चुकी है, उस पर भी मिट्टी भराव का कार्य तेजी से नहीं हो रहा है। परतापुर तिराहे पर भी नहीं दिखती तेजी
परतापुर तिराहे पर इंटरचेंज बनाया जाना है। इसके अंतर्गत एक अंडरपास बन चुका है, दो अभी और बनने हैं। तिराहे से थोड़ा आगे दो ओवरब्रिज निर्माणाधीन हैं। यहां पर कार्य वैसे तो चल रहा है, लेकिन जिस तरह से मार्च में एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन होना है, वह तेजी यहां दिखाई नहीं देती।